May 5, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 26 फरवरी 2022। यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस द्वारा किए गए हमले की खबरें मीडिया में छाई हुई है और श्रीडूंगरगढ़ अंचल में भी युद्ध को लेकर नागरिकों में अनेक जिज्ञासाएं है। श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स के पाठकों के लिए युक्रेन में फंसे हुए श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स के नियमित पाठक व कस्बे के नागरिक, वार्ड 10 के निवासी आबिद अली ने अपनी जुबानी आंखों देखी युद्ध की रिपोर्टिंग श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स के पाठकों के लिए की है।

(आबिद अली, श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स, यूक्रेन)
घर की कमजोर आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए विदेशों में मजदूरी कर पैसे कमाने के सपने ने मुझे यूक्रेन पहुंचा दिया। मै यहां करीब दो माह पहले आया था एवं एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी में टैक्सी ड्राईवर का कार्य करने लगा था। इसी दौरान युद्ध शुरू हो गया है एवं दुर्भाग्य से मैं रूसी सेना के कब्जे वाले पोलटावा शहर में ही था। भारतीय एम्बेंसी द्वारा पोलैंड पहुंचने की अपील के बाद मै शुक्रवार शाम चार बजे पोलटावा शहर से निकला व रात 10 बजे ट्रेन से यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचा। लेकिन यहां पर युद्ध का भीषण मंजर सामने आया और कीव पहुंचने पर आंखों के सामने ही 10.30 बजे एक जोरदार धमाका हुआ। यहां चिंगारियां मुझे नजर आ रही थी। यह धमाका रशियन आर्मी द्वारा कीव शहर के मेट्रो स्टेशन पर बम गिराने का था। ऐसे में मै और मेरे साथ कई भारतीय वहां से जल्दी से जल्दी निकलने के प्रयास में जुट गए। वहां से निकलने के लिए टैक्सी का किराया सामान्य से चार गुना देकर कीव से निकले है। हम चार भारतीयों ने मिल कर एक टैक्सी किराए की व हम पोलैंड के लिए रवाना हो गए। हम शुक्रवार की सारी रात चलते रहें व शनिवार शाम करीब 7 बजे हम पोलैंड बॉर्डर पर पहुंच गए है। रास्ते में पेट्रोल के लिए कई किलोमीटर की लाइने लगी है और पोलैंड बॉर्डर से करीब 35 किलोमीटर तक गाड़ियों की कतारें खड़ी हुई है। मैं बिस्किट, केक, पानी, दूध का दो तीन दिन का स्टॉक लेकर निकला हूँ जिससे मेरा काम चल रहा है। मेरे साथ अमृतसर के कुलवंत सिंह व नवी शर्मा तथा भटिंडा से सुजाता टैक्सी में आए व अब हम सब पोलैंड बोर्डर पार कर रहें है। यहां से भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार हम देश आ सकेंगे। युद्ध किसी देश का नक्शा एवं जनजीवन किस प्रकार प्रभावित कर सकता है यह प्रत्यक्ष देखा है, यूक्रेन की राजधानी कीव शहर की 80 प्रतिशत आबादी शहर छोड़ कर जा चुकी है। यहां पढ़ने, काम करने और घुमने आए भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, तुर्की के सभी लोग यूक्रेन से पोलैंड पहुंच रहें है। लोग यूक्रेन से भाग रहें है और जैसे तैसे पोलैंड के बॉर्डर तक पहुंचने की कोशिशों में लगे है। पोलैंड की सीमाएं खुली हुई है व 15 दिन का वीजा देकर हमें एंट्री दी जा रही है। यहां भारतीयों की बड़ी संख्या है और सभी अपने वतन सुरक्षित पहुंचने की उम्मीद कर रहें है। अब हमें भी उम्मीद है कि शीघ्र ही हम अपने वतन लौट पाएंगें।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। युद्ध के माहौल से आबिद के साथ राजधानी कीव से निकले भारतीय।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। सारी रात के सफर के बाद आबिद पहुंचे पोलैंड बॉर्डर के नजदीक।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। आबिद ने बताया पोलैंड बॉर्डर से करीब 35 किलोमीटर तक गाड़ियों की कतारें लगी है।

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