May 18, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 5 मई 2024। 🚩श्री गणेशाय नम:🚩

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

📜 आज का पंचांग 📜

☀ 05 – May – 2024
☀ Sri Dungargarh, India

☀ पंचांग
🔅 तिथि द्वादशी 05:44 PM
🔅 नक्षत्र उत्तराभाद्रपद 07:58 PM
🔅 करण :
कौलव 07:13 AM
तैतिल 07:13 AM
🔅 पक्ष कृष्ण
🔅 योग :
वैधृति 07:36 AM
विश्कुम्भ 07:36 AM
🔅 वार रविवार

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 05:50 AM
🔅 चन्द्रोदय +04:21 AM
🔅 चन्द्र राशि मीन
🔅 चन्द्र वास उत्तर
🔅 सूर्यास्त 07:11 PM
🔅 चन्द्रास्त 04:15 PM
🔅 ऋतु ग्रीष्म

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1946 क्रोधी
🔅 कलि सम्वत 5126
🔅 दिन काल 01:20 PM
🔅 विक्रम सम्वत 2081
🔅 मास अमांत चैत्र
🔅 मास पूर्णिमांत वैशाख

☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:04:06 – 12:57:28
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 05:24 PM – 06:17 PM
🔅 कंटक 10:17 AM – 11:10 AM
🔅 यमघण्ट 01:50 PM – 02:44 PM
🔅 राहु काल 05:31 PM – 07:11 PM
🔅 कुलिक 05:24 PM – 06:17 PM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 12:04 PM – 12:57 PM
🔅 यमगण्ड 12:30 PM – 02:10 PM
🔅 गुलिक काल 03:50 PM – 05:31 PM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पश्चिम

☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
☀ चन्द्रबल
🔅 वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन

📜 चोघडिया 📜

🔅उद्वेग 05:50:30 – 07:30:34
🔅चल 07:30:34 – 09:10:38
🔅लाभ 09:10:38 – 10:50:43
🔅अमृत 10:50:43 – 12:30:47
🔅काल 12:30:47 – 14:10:51
🔅शुभ 14:10:51 – 15:50:56
🔅रोग 15:50:56 – 17:31:00
🔅उद्वेग 17:31:00 – 19:11:04
🔅शुभ 19:11:04 – 20:30:54
🔅अमृत 20:30:54 – 21:50:44
🔅चल 21:50:44 – 23:10:34
🔅रोग 23:10:34 – 24:30:24
🔅काल 24:30:24 – 25:50:14
🔅लाभ 25:50:14 – 27:10:04
🔅उद्वेग 27:10:04 – 28:29:54
🔅शुभ 28:29:54 – 29:49:44

❄️ लग्न तालिका ❄️

🔅 मेष चर
शुरू: 04:48 AM समाप्त: 06:25 AM

🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 06:25 AM समाप्त: 08:20 AM

🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 08:20 AM समाप्त: 10:35 AM

🔅 कर्क चर
शुरू: 10:35 AM समाप्त: 12:56 PM

🔅 सिंह स्थिर
शुरू: 12:56 PM समाप्त: 03:13 PM

🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 03:13 PM समाप्त: 05:29 PM

🔅 तुला चर
शुरू: 05:29 PM समाप्त: 07:48 PM

🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: 07:48 PM समाप्त: 10:07 PM

🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: 10:07 PM समाप्त: अगले दिन 00:11 AM

🔅 मकर चर
शुरू: अगले दिन 00:11 AM समाप्त: अगले दिन 01:54 AM

🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: अगले दिन 01:54 AM समाप्त: अगले दिन 03:23 AM

🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: अगले दिन 03:23 AM समाप्त: अगले दिन 04:48 AM

🌺।। आज का दिन अत्यंत मंगलमय हो ।।🌺

दिन (वार) रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य देवे

इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।

रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है । अत: रविवार के दिन मंदिर में भैरव जी के दर्शन अवश्य करें ।

रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है

⭐ बरुथिनी एकादशी पारण
⭐ प्रदोष व्रत
⭐ विश्व हास्य दिवस

पण्डित विष्णुदत्त शास्त्री
8290814026

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