श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 8 मार्च 2023। होली प्रमुखत: पूरे क्षेत्र में शांतिपूर्ण रही और लागों ने मंगल कामनाएं की वहीं क्षेत्र के गांव लिखमादेसर में मेघवाल समाज के कई घरों में होली व रामाश्यामा के दिन चुल्हा तक नहीं जला। कई परिवार आंखो में आंसू लिए शोक व पीड़ा डूबे रहें और उनका ह्रदय रह रह कर चीत्कार करता रहा। मोमासर में आयोजित गींदड़ देखकर लौटते समय 6 मार्च को अलसुबह गांव के दो युवक 28 वर्षीय शीशपाल पुत्र मोतीराम मेघवाल तथा 18 वर्षीय नौजवान श्यामलाल पुत्र पूर्णाराम मेघवाल ने आड़सर के पास सड़क पर अपने प्राण गवां दिए। घटना में पांच मासूम बच्चों के सपने और एक विधवा मां के बुढ़ापे की आस ही सदा के लिए डूब गई है। मृतक शीशपाल की तीन बेटियां व छोटे छोटे मासूम दो बेटे होली के रंगो के साथ अपने पिता का इंतजार करते ही रह गए। गरीब परिवार का सहारा व पालक चला गया और सदा के लिए बच्चों के बचपन से कई रंग ले गया। वहीं युवक श्यामलाल विधवा की आंखो का तारा था। तीन भाई बहनों सबसे छोटा श्यामलाल मां का लाडला था और मां ने बुढ़ापे का सहारा खो दिया तो उसके क्रंदन से आस पास के घरों तक शोक की लहर दौड़ गई। सामाजिक कार्यकर्ता मदनलाल मेघवाल ने बताया कि होली का दिन काला दिवस हो गया और इन दोनों गरीब परिवारों पर जैसे कुदरत का कहर टूट पड़ा है। बड़े बुजुर्ग भगवान को कोस रहें है वहीं मासूम इन सब से बेखबर है। विधवा मां का दिल अभी तक ये मानने को तैयार ही नहीं है कि उसका बेटा अब नहीं रहा है। वहीं इस दुर्घटना में घायल कालूराम मेघवाल खतरे से बाहर है परंतु अपने मित्रों की मृत्यु से वह अवसाद में है। गांव सहित क्षेत्रभर में इस घटना की चर्चा घर घर में हुई और हर किसी ने दोनों परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट की है।