श्रीडूंगरगढ टाइम्स 24 नवबंर 2019। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गयूरुल हसन रिजवी का कहना है कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन नहीं दाखिल करनी चाहिए। आयोग का मानना है कि ऐसा कदम उठाना मुस्लिम समुदाय के हित में नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम समुदाय से मंदिर निर्माण में हिंदू समुदाय की मदद करने की अपील की है। आयोग के अध्यक्ष ने एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी को भी निशाने पर लिया। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि देश का आम मुस्लिम रिव्यू के पक्ष में नहीं है। हैदराबाद सांसद ओवैसी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘ओवैसी मुस्लिमों का इस्तेमाल करते हुए राजनीति करना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि मुस्लिम इन्हीं सब मुद्दों में उलझे रहें और उन्हें वोट मिलता रहे।’
रिजवी ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करना मुस्लिमों के हित में नहीं है, इससे हिंदू-मुस्लिम एकता को नुकसान पहुंचेगा। मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए दी गई पांच एकड़ की भूमि स्वीकार करनी चाहिए।’ इंटरव्यू के दौरान रिजवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आयोग के सदस्यों की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें सर्वसम्मति से कहा गया कि अदालत के फैसले को स्वीकार करना चाहिए। आयोग के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मुस्लिमों को अयोध्या में मंदिर निर्माण में और हिंदुओं को मस्जिद बनाने में मदद करनी चाहिए। यह दोनों समुदायों के बीच सामाजिक सौहार्द्र मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा।
रिजवी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) जैसे संगठनों ने पहले वादा किया था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किया जाएगा लेकिन अब वे अपनी बात से पीछे हट रहे हैं। रिजवी ने कहा, ‘सालों से वे कह रहे हैं कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करेंगे फिर पुनर्विचार याचिका की क्या जरूरत है?’ जमीयत-उलेमा-ए-हिंद का नाम न लेते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे कह रहे हैं कि रिव्यू 100 फीसदी खारिज हो जाएगी तो फिर रिव्यू का क्या मतलब है?
सुप्रीम कोर्ट ने करीब 70 साल से चल रहे इस अदालती मामले में 9 नवंबर को फैसला सुनाया था। अदालत ने 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर रामलला विराजमान के हक में फैसला दिया था। इसके साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के अंदर एक ट्र्स्ट बनाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में ही मुस्लिम समाज को मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन मुहैया कराने का आदेश दिया है।


