April 26, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 21 मार्च 2023। अगर आप लिखते है या आप साहित्यिक क्षेत्र में जुड़कर अपना योगदान दे रहें है तो ये खबर आपके लिए है। राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ़ द्वारा प्रति वर्ष दिए जाने वाले पुरस्कार क्रमशः ‘डॉ. नंदलाल महर्षि स्मृति हिन्दी साहित्य सृजन पुरस्कार’ व ‘पं. मुखराम सिखवाल स्मृति राजस्थानी साहित्य सृजन पुरस्कार’ हेतु कृतियां प्रस्ताव आमंत्रित किए गये है। वहीं संस्था द्वारा भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए ‘श्री मलाराम माली स्मृति साहित्यश्री सम्मान’ के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गये हैं। संस्थाध्यक्ष श्याम महर्षि ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 जून तक प्रविष्टियां स्वीकार की जाएगी तथा पुरस्कार-सम्मान निर्णय की घोषणा अगस्त माह में की जावेगी और 14 सितम्बर, 2023 को संस्था के वार्षिकोत्सव समारोह में प्रदान किए जायेंगे। संस्था के मंत्री रवि पुरोहित ने बताया कि हिन्दी व राजस्थानी सृजन पुरस्कारों के लिए आवेदक की आवेदित पुस्तक या प्रस्तावक द्वारा प्रस्तावित पुस्तक पुरस्कार वर्ष से 5 वर्ष पूर्व तक की कालावधि में प्रकाशित होनी चाहिए।  इस वर्ष 2023 के पुरस्कारों हेतु  वर्ष 2018 से 2022 तक के प्रकाशन ही विचारार्थ स्वीकार्य होंगे । पुरस्कार हेतु आवेदित या प्रस्तावित कृति  साहित्य की किसी भी विधा में हो सकती है परन्तु विश्वविद्यालय की डिग्री या अन्य परियोजनाओं के तहत किए गए कार्य या शोध इस हेतु मान्य नहीं होंगे । सम्पादित कृतियां, विवरणिकाएं, स्मृति या अभिनन्दन-ग्रंथ, रचना समग्र, स्मारिकाएं, अनुवाद, साझा संकलन आदि पुरस्कार की मौलिक लेखन की परिभाषा में शामिल नहीं होंगे और कोई भी आवेदक किसी वर्ष विशेष में केवल एक ही पुरस्कार हेतु आवेदन कर सकेगा। उपाध्यक्ष बजरंग शर्मा ने बताया कि विहित अवधि में प्रकाशित पुस्तक की एक प्रति मय संक्षिप्त लेखकीय परिचय एवं फोटो 15 जून 2023  तक  मंत्री, राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, संस्कृति भवन, एन.एच.11 जयपुर रोड, श्रीडूंगरगढ (बीकानेर) राज0 331803 के पते पर पहुंच जानी चाहिए। प्राप्त पुस्तकें वापस नहीं लौटाई जावेगी और पुरस्कारों हेतु गठित समिति का निर्णय अन्तिम होगा। आयोजन समन्वयक महावीर माली ने कहा कि तीनों पुरस्कारों में प्रत्येक चयनित विद्वान को सम्मान-पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रूपये नगद राशि, सम्मान-पत्र, स्मृति-चिह्न, शॉल आदि भी यथा संस्था निर्णय अर्पित किए जायेंगे।

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