श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 9 जनवरी 2020। कहा जाता है कि सरकार एवं प्रशासन की आंख कान और नाक पटवारी होते है और श्रीडूंगरगढ़ में प्रशासन की इसी आंख नाक और कान के निचे एक झोला छाप चिकित्सकत पिछले तीन वर्षों से गांव उदरासर में ग्रामीणों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा था। गुरूवार को प्रधानमंत्री जनस्वास्थ्य योजना के तहत गांव उदरासर के प्राथमिक चिकित्सालय का निरीक्षण करने के ब्लाक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा श्रीमोहन जोशी की अगुवाई में चिकित्सा दल गांव पहुंचा तो चिकित्सालय के पास ही स्थित गांव के पटवार घर में एक व्यक्ति चिकित्सा विभाग की टीम को देख कर पटवार घर बंद करने लगा। चिकित्सा अधिकारी डा श्रीमोहन जोशी को शक हुआ तो उसे रोक कर पटवार घर के अंदर निरीक्षण किया। जहां पर हैरत करने वाली स्थिती मिली, कोटा निवासी एक झोला छाप चिकित्सक पिछले तीन वर्षों से इसी पटवार घर में रह कर अपनी दुकान चला रहा था। आरोपी की पहचान कोटा के केवल नगर निवासी शक्ति विश्वास के रूप में हुई है एवं उससे बड़ी मात्रा में दवाईयां एवं इंग्जेक्शन जब्त किए गए है। आरोपी को पकड़ने के बाद उपखण्ड अधिकारी को सुचना दी गई एवं उपखण्ड अधिकारी राकेश कुमार न्यौल के निर्देशों पर पुलिस को मौके पर बुला कर आरोपी को गिरफ्तार करवाया गया। क्षेत्र के गांवों में झोला छाप चिकित्सकों की सुचना तो कई बार मिलती है लेकिन सरकारी भवन में प्रशासन की नाक के निचे पिछले तीन वर्षों से एक व्यक्ति ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ करता रहे। सरकार द्वारा पुरे प्रदेश में झोला छाप चिकित्सकों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के विपरीत सरकारी भवन में ही झोलाछाप चिकित्सालय चलाने की स्थिति कई सवाल पैदा कर रही है।
ऐसी दवाईयां मिली जिन्हे देने से पहले चिकित्सक भी परीक्षण करते है।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गांव उदरासर में झोला छाप चिकितसक के पास से ऐसी ऐसी दवाईयां जब्त की गई है जो एक पुर्ण प्रशिक्षित चिकित्सक भी रोगियों से देने से पहले उसके साईड इफेक्ट का परीक्षण करते है। स्टेराईड, एंटीबाईटिक सहित शक्तिवर्धक दवाईयां जिनके प्रयोग से बहुत बार रोगी का हार्ट फेल होने की आशंका रहती है, ऐसी कई दवाईयां एवं इंग्जेक्शन यह झोला छाप डाक्टर ग्रामीणों को सीधे ही दे रहा था। गांवों में लगातार हद्याघात की घटनाएं भी बढ़ रही है। ऐसे में क्षेत्र के सभी ग्रामीणों को जागरूकता की आवश्यकता है कि अपने अपने गांवों में ऐसे झोला छाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्यवाही करवाने के लिए आगे आए एवं उपखण्ड अधिकारी, थानाधिकारी व ब्लाक मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सुचना दें।