श्रीडूंगरगढ टाइम्स 30 जून 2019। आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी पावनप्रभा के सान्निध्य में तेरापंथ समाज ने आचार्य महाप्रज्ञ जन्मोत्सव प्रारम्भ कार्यक्रम उत्साह पूर्वक मनाया। जन्मोत्सव कार्यक्रम का प्रारम्भ शनिवार को मालूभवन में किया गया। कार्यक्रम में साध्वी आत्मयशा ने गुरू मंत्र का जाप किया व महाप्रज्ञ अष्टम और महाप्रज्ञ प्रबोध का संगान किया। साध्वी पावन प्रभा अपने उद्बोधन में कहा प्रणेता आचार्य महाप्रज्ञ का जीवन साधना की प्रयोगभूमि था। उनका चिन्तन सत्य के प्रयोगों की आधार भूमि था। वे प्रज्ञा के पारगामी महापुरूष थे। उनके व्यक्तित्व में प्रेक्षा और योग का अनुपम समन्वय था। महाप्रज्ञजी के प्रयोंगो से मानवजाति को शारीरिक विकास, मानसिक विकास, बौद्धिक विकास के साथ साथ भावनात्मक विकास का बहुत बड़ा अवदान जीवन विज्ञान दिया। पावनप्रभा ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य नेगेटिव विचारों से मुक्त बने तभी जन्मसदी सार्थक होगी। साध्वी धर्मयशा ने सभी सेवादायी और सेवाग्राही साध्वियों से सामूहिक गीतिका का संगान करवाया। साध्वी अक्षयप्रभा ने वक्तव्य के माध्यम से भावों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में तमन्ना झाबक, सभा उपाध्यक्ष तुलसीराम चौरडिया, पवन सेठिया, अमित मालू, महिला मंडल ने गीतिका व वक्तव्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन आकांक्षा दुगड़ ने किया।
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