हाथी की चिंघाड़ से कहीं खुशी, कहीं गम। जरूरत के साथी, हम साथ साथ है। 2019 से चल रही थी तैयारी, कर दिया नामाकंन, अब तुम्हारे हवाले उम्मीद साथियों।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 3 नवम्बर 2023। विधानसभा चुनाव- 2023 का मतदान 25 नवम्बर को होना है एवं मतदान के लिए आज से 21 दिन शेष रहें है। ऐसे में श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स द्वारा प्रतिदिन विशेष कवरेज “सत्ता का संग्राम” टाइम्स के सभी पाठकों के लिए चुनाव की काऊंडाउन के साथ लगातार प्रस्तुत की जा रही है। प्रतिदिन शाम को एक अंदरखाने की खबर के साथ क्षेत्र की चुनावी चर्चा पाठकों के समक्ष रखी जा रही है और इसी क्रम में पढ़ें आज की विशेष टिप्पणी।

हाथी की चिंघाड़ से कहीं खुशी, कहीं गम।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा चुनावों में शुक्रवार को जयपुर से हाथी की चिंघाड की आवाज श्रीडूंगरगढ़ में गुंजी और इससे कहीं खुशी, कहीं गम के समाचार सामने आ रहे है। सुनने में आ रहा है कि हाथी पर बैठकर ही पूरी भीड़ एवं सर्मथकों के लवाजमे के साथ नीला झंडा 6 नवम्बर को बुलंद किया जाएगा। श्रीडूंगरगढ़ में हाथ के साथ रहने वाले दलित समाज के अग्रेसिव नेता के हाथ में नीले झंडे को देखने के बाद तिरंगे झंडे के खेमे में गम एवं दुरंगे झंडे के खेमे में खुशी देखी जा रही है। भले ही नीला झंडा जीत से काफी दूर है लेकिन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाले नेताओं को जो नुकसान निर्दलीय प्रत्याशियों की बढ़ती लिस्ट से हो रहा था वैसा ही नुकसान अब विरोधियों को होने से इनके चेहरों पर खुशी है। वहीं क्षेत्र में कई कार्यकर्ताओं को तिरंगे की टिकट नहीं मिलने पर बड़े नेताजी का साथ छोड़ने का अंदेशा तो है लेकिन तिरंगे के युवा चेहरे के खास माने जाने वाले इस दलित नेता ने तो टिकट की घोषणा से पहले ही दामन छोड़ दिया। इसकी चर्चा भी चस्के के साथ हो रही है।

जरूरत के साथी, हम साथ-साथ है।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। भारतीय समाज में फिल्मों का प्रभाव व्यापक रूप से है एवं ऐसे में कई पारिवारिक फिल्मों ने तो इतिहास बनाया है। इन्हीं में से एक पारिवारिक फिल्म का गाना पूरे परिवार के लिए था कि जन्मों के साथी, हम साथ-साथ है। लेकिन चुनाव के दौर में परिवार जरूरत से बनता बिगड़ता अक्सर नजर आता है। निर्दलीय प्रत्याशियों को सहारे की जरूरत भी खासी रहती है। यही साथ देखा गया शुक्रवार को जब लूणकरणसर के निर्दलीय प्रत्याशी के सर्मथन में।श्रीडूंगरगढ़ से निर्दलीय प्रत्याशी की ताल ठोक चुके समाजसेवी राजनेता दल बल के साथ पहुंचें। सुनने में आ रहा है कि लूणकरणसर में गांधीवादी तरीके से सहयोग भी किया गया है और जब श्रीडूंगरगढ़ में निर्दलीय नामाकंन होगा तो लूणकरणसर से भी सहयोग आएगा। क्षेत्र में गाना यही गूंज रहा है कि जरूरत के साथी है, हम साथ साथ है।

2019 से चल रही थी तैयारी, कर दिया नामाकंन, अब तुम्हारे हवाले उम्मीद साथियों।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। 2018 के चुनावों में भले ही क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेसी नेता हार गए लेकिन सरकार कांग्रेस की आई तो पावर में भी आए। 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले हुए पंचायत चुनावों में प्रत्याशियों की न्यूनतम शिक्षा 10वीं अनिवार्य करने के बाद चर्चा चली थी कि आगामी 2023 के विधानसभा चुनावों में भी यह नियम लागू किया जा सकता है। ऐसे में 2018 में ही पुन: चुनाव का मन बना चुके कांग्रेस के दिग्ग्ज नेताजी ने वर्ष 2019 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से दसवीं पास भी की। यह जानकारी शुक्रवार को नेताजी के नामांकन में सामने आई तो चर्चा चल ही पड़ी कि तैयारी 2019 से चल रही थी तो नामांकन करना ही था। वहीं कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों की सूची आने से पहले ही नामांकन कर नेताजी ने अपने सर्मथकों, साथियों को सीधा संदेश दे दिया है कि अब तुम्हारे हवाले उम्मीद साथियों। नेताजी मैदान में रहेगें यह दावा इस उम्मीद के साथ किया जा रहा है कि टिकट मिले ना मिले साथ मिलना जरूरी है।