श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 31 जुलाई 2023। मूगफली की फसल में गोजा लट का कहर बढ़ता जा रहा है और कई किसान बुरी तरह से परेशान है। गांव जेतासर, आड़सर, ठुकरियासर, जाखासर, ऊपनी, रिड़ी, हेमासर, बेनीसर, पूनरासर सहित अनेक गांवो के खेतों में गोजा किसानों के लिए सिरदर्द बन गई है। किसान आर्थिक नुकसान की आशंका से परेशान हो रहें है। आड़सर के किसान मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में एक लाख रूपए से अधिक के कीटनाशक डाल दिए व जैविक प्रॉडक्ट भी ट्राई कर लिए है परंतु गोजा पर कंट्रोल नहीं हो रहा है। गांव बाडेला की रोही के किसान उमनाथ सिद्ध ने बताया गोजा नुकसान बढ़ाने के साथ ही कंट्रोल नहीं हा रही है जिससे 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान की आशंका मूगफली पर मंडराने लगी है। हेमासर रोही के किसान सीताराम गोदारा ने बताया कि कई खेतों में गोजा कंट्रोल नहीं हो रही है। कई किसान गोजा रोधक दवाईयां देने की मांग सरकार से कर रहें है।
बारानी के किसानों की उड़ी नींद, बाजरा में गोजा का प्रकोप।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। बारानी खेतों में जहां गोजा लगा है उन खेतों में नुकसान शत प्रतिशत होने की संभावना है। कृषि विशेषज्ञ सुरेंद्र मारू ने बताया कि इन खेतों में दवा नहीं दी जा सकती है जिससे गोजा पर कंट्रोल का कोई उपाय ही नहीं है। उन्होंने बताया कि गोजे के प्रकोप से बचने के लिए किसान मूंगफली की बिजाई के 30 दिन के अंदर किसी भी अच्छे कीटनाशक का उपयोग कर के इस पर नियंत्रण कर सकते है। 30 दिन बाद फसल को गोजे से बचने के लिए एंटोपेथोजेनिक निमेटोड, मित्र फंगस, कवक आदि का उपयोग कर सकते हैं जिनके कारण गोजा लकवे का शिकार हो जाता हैं और मूंगफली की नई जड़ो का निर्माण करके पैदावार बढ़ सकती है।