श्रीडूंगरगढ टाइम्स 12 अप्रेल 2020। कोरोना के खिलाफ जंग में हमारे क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान रहेगा इन कर्मवीरों का जिनके लॉकडाउन में काम करने का समय भी तय नहीं है। इनका कही फूल मालाओं से स्वागत भी नहीं होता और इन्हे कोई पौष्टिक भोजन भी नहीं मिल पाता। ये सबसे कम सुरक्षा के इंतजामात में अपनी सेवाऐ क्षेत्र को लगातार दे रहे है। ये अलसुबह से देर रात तक काम में जुटे है और ये कभी आपके घर के बाहर आ कर कुछ खाने को मांग ले तो इन्हें ठंडा बासी नहीं देकर ताजा भोजन या कोई पोष्टिक खाने को देना आप नहीं भूले ये सेवा इन कर्मवीरों की आप भी करें। इन्हें एक कप गर्म चाय पिला कर इनका ऋण तो चुकाना संभव नहीं पर शायद हमारे मन का बोझ कुछ कम हो जाएं। अब आप सोचेंगे की इनका ये काम है तो जनाब कोरोना महामारी की भयावहता से आप परिचित होगें और अपनी जान हथेली पर लेकर ये कर्मवीर ही है जो गली गली आपके शहर की हर सड़क को सोडियमक्लोराइड से सेनेटाइज कर रहे है। नालियों में जहर का छिड़काव कर रहें है, अपने शहर के हर नाले को ढकने में उनकी सफाई में जुटे है। ये ऐसा तबका है समाज का जिस पर हमें गर्व करना चाहिए की ऐसे समय में ये सभी जुटें हुए है कि कहीं से भी हमारे क्षेत्र में कोरोना प्रवेश ना कर पाएं। ये क्षेत्र में ऐसी दीवार बना रहे है कि जब सब लोग घरों मंर है तो ये गलियों को सेनेटाइज कर रहे है, ये क्षेत्र के आइसोलेट सेंटर को रोजाना सेनेटाइज कर रहें है कि कहीं किसी गली में नाली में किसी सेंटर पर कोई वायरस न मिल सकें। आज सर्वाधिक यही लोग रातदिन बीना खाये पीये बीना समय की लिमिटेशन के काम कर रहे है बस काम कर रहे है। आपके घरों से इनके ऊपर फूलों की बरसात होगी कभी…. बीना इस आस के ये अपना कर्म कर रहें है चूपचाप भी और गुमनाम भी। टाइम्स की टीम ग्रांउड पर काम करने वाले इन कर्मवीरों को सैल्युट करती है।
नगरपालिका विभाग भी ऐसा विभाग है जो सभी की तीख पर रहता ही है और रहे भी क्योंकि उम्मीदें भी इसी विभाग से रहती है। गत कई समय से क्षेत्र में इस विभाग की छवि भी सकारात्मक नहीं रही परन्तु इस लॉकडाउन में इनका कार्य, इनके प्रयास शहरी क्षेत्र में सराहनीय ही नहीं प्रशसनीय भी है। नगरपालिका ईओ भवानी शंकर व्यास, सफाई निरीक्षक क़ानूराम चांवरिया, जमादार सुनील मलघट की अगुवाई में ये सभी कर्मवीर उत्साह से जुटें हुए है। काम तो कर्मचारी पहले भी करते थे पर अब ये दिन रात का अंतर भूल कर अपने काम को काम नहीं मिशन समझ कर लगे है और मिशन है कोरोना को हराना है, इस वायरस को क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देने का।