पाकिस्तान, जिन्ना, आतंकवाद और साईकिल जैसे मुद्दे जब लगने लगा कि वांछित असर नहीं कर रहे हैं तो भाजपा ने वापस इमोशनल कार्ड खेला है। बचे तीन चरणों में राम मंदिर को मुद्दा बनाने के प्रयास फिर से शुरू किये है। सीएम योगी ने इसकी कमान संभाली है, क्योंकि इस दौर में अयोध्या की सीटों का भी चुनाव होना है। अब देखना ये है कि ये मुद्दा क्या भाजपा को शक्ति या आत्म बल देगा क्या ?
कांग्रेस भी इस चरण में इमोशनल मुद्दा उठा रही है। अमेठी और प्रयागराज एक जमाने में कांग्रेस के गढ़ रहे हैं। पार्टी इनको अपनी परंपरागत सीटें मानती है। हालांकि पिछले लोक सभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने अमेठी में राहुल गांधी को हरा दिया था।
इस बार राहुल और प्रियंका ने मिलकर अमेठी की सीटों पर मेहनत की है। प्रयागराज में प्रियंका ने पूरी शक्ति लगाई है। लड़की हूं, लड़ सकती हूं के नारे से शुरू हुई प्रियंका ने कल प्रचार में इमोशनल कार्ड खेला। जिस जीप पर वो सवार थी, उसमें उनके हाथ मे स्व राजीव गांधी की बड़ी तस्वीर भी थी। राजीव गांधी ने इस इलाके में पीएम रहते खूब काम किया था और उनसे वोटर का इमोशनल जुड़ाव भी था। अब ये कार्ड कांग्रेस को कितना फायदा देगा, ये तो आने वाला समय ही बतायेगा।
सपा रालोद गठबंधन महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन के अपने मुद्दों पर कायम है। बेरोजगारी का मुद्दा इस चरण के युवाओं को प्रभावित भी कर रहा है। इसके अलावा जाट, यादव, गैर यादव ओबीसी के वोटों का ध्रुवीकरण भी ये गठबंधन कर रहा है। ओम राजभर, स्वामी प्रसाद मौर्य आदि का साथ बचे 3 चरणों में सपा – रालोद गठबंधन की ताकत बनेगा, ये राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है। बसपा की चुप्पी के भी अलग अर्थ निकाले जाने लगे हैं।
कुल मिलाकर यूपी विधान सभा चुनाव के बचे तीन चरणों में कड़ा संघर्ष साफ दिख रहा है। जो जातियों का ध्रुवीकरण कर लेगा, सत्ता उसके ही निकट रहेगी।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘
वरिष्ठ पत्रकार