लॉकडाउन में न आने पाए उदासीनता, मौके का भरपूर उठाएं लुफ्त: चिकित्सक

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 12 अप्रेल 2020। देश व्यापी लॉकडाउन के बीच भविष्य को लेकर भय और उदासीनता जैसी मानसिक समस्याओं के प्रति सचेत करते हुए चिकित्सकों ने लोगों से नकारात्मक विचारों से दूर रहने और इस मौके का भरपूर लुफ्त उठाने की सलाह दी है।

 

लोगों को सता रहा नौकरी जाने का अज्ञात भय-

जाने माने मनोचिकित्सक डा असद अब्बास ने कहा कि कोरोना महामारी आज जीवन के लगभग सभी पहलुओं को प्रभावित कर रही है। इसको रोकने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग के बताए गए नियम इस रोग से बचाने में सहायक होंगे। हालांकि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग कई पेशेवरों के मानसिक स्वास्थ्य को अलग रूप में प्रभावित कर रहा है। उन्हें अंजाना भय सता रहा है कि लॉकडाउन से निकलने के बाद उनकी नौकरी पर संकट न आन पड़े अथवा बाजार की सेहत बिगड़ने से व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि कई लोगों को यह भी डर सता रहा है कि दुनिया के लिए दहशत का पर्याय बने कोरोना का संक्रमण काल कितना लंबा खिंच सकता है और वे कभी भी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं।

मानसिक सेहत का भी रखें खयाल-
चिकित्सक ने कहा कि इस बेमानी डर से बचने के लिये ऐसे लोग अपने मन को शांत रखें और किसी प्रकार की चिंताजनक विचार अपने मन में ना आने दे। उन्हें समझना होगा कि कितनी भी बडी समस्या क्यों न हो अंत में उसे समाप्त होना ही है।

डॉ असद ने कहा कि ऐसे लोगों को अपने परिवार वालो के साथ मित्रों और सहकर्मियों के साथ जुड़े रहने की जरूरत है। वे अपने मन में आने वाले नकारात्मक विचारों को अपने मस्तमौला टाइप के रिश्तेदारो और मित्रों से साझा करे जो उनके लिए सर्वश्रेष्ठ मनोचिकित्सक का काम कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर अपने पंसदीदा लोगों का ग्रुप बनाएं और उस पर कोरोना संबंधित कोई जानकारी साझा न करे। उसको हल्के फुल्के जोक्स, हास्यात्मक और आध्यात्मिक पोस्ट के लिए प्रयोग करें। बच्चों के साथ समय बिताएं। उनकी पढ़ाई उनकी जिज्ञासा उनके मन के विचारों को सुनें। बच्चों के साथ समय बिताना एक तनावग्रस्त दिमाग को शांति देता है।

चिकित्सक की सलाह दी कि अपने उन शौक को जिनको समय की कमी के कारण पहले आप नहीं कर पाते थे जैसे पेटिंग, खाना बनाना, डायरी लिखना आदि अब उन पर समय व्यतीत करें। कुछ नया सीखने का प्रयास मस्तिष्क को नई ऊर्जा प्रदान करता है। अगर घर में पेड़ पौधे और कोई पालते जानवर है तो उनकी देखभाल करपस सकरात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है।

लोगों की मदद कर खुश रहे-
उन्होंने कहा कि लोगों को लॉकडाउन के समय में भी अपनी दिनचर्या को नियमित रखना चाहिए जैसे वे आम दिनो में करते हैं। शारीरिक व्यायाम करें। परिवार और घर से यदि काम कर रहे है तो उसके समय को संतुलित रखे। समय है तो अपनी नींद को अवश्य पूरी करें जिसकी चाह आपको पहले सदैव रहती थी। जरूरतमंद लोगों की मदद करें क्योंकि उससे आपको जो खुशी मिलेगी वो आपको कभी डिप्रेस्ड नहीं होने देगी।

डॉ असद ने कहा ‘अध्यात्मिक और धार्मिक पुस्तके पढ़े। ऊपर वाले से अपने अनुसार प्रार्थना करें क्योंकि प्रार्थना हमे हर बुरे समय से लडने में सहायता प्रदान करती है। शांत रहे, सकारात्मक विचार रखे। पूरी दुनिया के लिये प्रार्थना करे कि ये बुरा समय शीघ्र समाप्त हो। इसमें देर अवश्य लग सकती है लेकिन इस पर मानव जाति की जीत अवश्य होगी। इस बुरे समय को अपने आप को और अपने लोगों से जुडने और नई चीजों को सीखने के अवसर के रूप में देखे। ऐसा माने कि आपको ही चुनना है जीवन में अंधकार या प्रकाश।