श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 24 नवम्बर 2023। विधानसभा चुनाव- 2023 के लिए मतदान कल 25 नवम्बर 2023 को सुबह 7 बजे से शुरू हो जाएगा एवं मतदान के लिए अब से कुछ ही घंटे शेष रहें है। इस चुनाव में श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स द्वारा प्रतिदिन विशेष कवरेज “सत्ता का संग्राम” टाइम्स के सभी पाठकों के लिए चुनाव की काऊंडाउन के साथ लगातार प्रस्तुत किया गया है। 25 अक्टूबर से शुरू इस विशेष कालम का आज अंतिम दिन है एवं इस कालम में प्रतिदिन शाम को एक अंदरखाने की खबर के साथ क्षेत्र की चुनावी चर्चा पाठकों के समक्ष रखने के क्रम मे पढ़ें पूरी अंतिम कड़ी।
बंटे अस्त्र, शस्त्र, ब्रह्मास्त्रों से लैस होकर निकले यौद्धा।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। श्रीडूंगरगढ़ के चुनावी रण में कल सुबह सीधी मैदानी टक्कर होनी है और इसके लिए अपने-अपने यौद्धाओं को चुनावी अस्त्र, शस्त्र प्रदान करवा दिए गए है। जहां इनसे काम नहीं चल रहा वहां तुरंत कारगर नगद ब्रह्मास्त्र भी मुख्य सेनापतियों को दिए जाने की चर्चाएं हो रही है। चुनाव आयोग और प्रशासन आदर्श आचार संहिता पालना के प्रयास में जुटी है परंतु आज की रात क्षेत्र में धल्लड़े से अनेक प्रकार के प्रलोभन प्रत्याशियों द्वारा देने की सूचना मिल रही है। कोई भी प्रत्याशी कोई कमी नहीं रखना चाहता है एवं एक एक वोट के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहें है। हालत यह है कि कल श्रीडूंगरगढ़ में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों पर टैक्सियां नहीं मिलने वाली क्यों कि एक ताजा अनुमान के अनुसार अकेले श्रीडूंगरगढ़ शहर में कल 500 से ज्यादा टैक्सियां बुक कर ली गई है। अभी कुछ देर पहले ही मोमासर बास में एक प्रत्याशी की गाड़ी को मोहल्लेवासियों नकदी, शराब बांटने का आरोप लगाते हुए घेर लिया। हंगामा बढ़ता इससे पहले ही वाहन चालक वहां से गाड़ी भगा ले गया। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो विधानसभा क्षेत्र के 130 गांवों में 6000 से अधिक गाडियां प्रत्याशियों द्वारा लगाई गई है।
आखिरी दौर, अंतिम प्रयास, प्रयास से बड़ी है आस।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। विधानसभा चुनावों के मतदान से पहले अब सभी प्रत्याशी, सर्मथक, कार्यकर्ता अपने-अपने पक्ष में मतदान करवाने का आखिरी दौर के पुरजोर प्रयास करते हुए विजयश्री के अंतिम प्रयास कर रहे है। इन प्रयासों के तहत साम, दाम, दंड, भेद सभी दावं चलाए जा रहे है ओर आखिरी प्रयास हो भी क्यों ना, क्योंकि प्रयास से बड़ी है आस प्रत्याशियों को है। श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जिस प्रकार त्रिकोणीय संघर्ष को तीन अन्य प्रत्याशियों ने रोचक बनाया है। उस हिसाब से यह चुनाव काफी ज्यादा नजदीकी परिणाम वाला होगा। अंतिम प्रयास के रूप में स्वयं की जीत के प्रयास ही नहीं अपने धुर विरोधी को हराने के प्रयास भी हो रहें है। बहुकोणीय मुकाबला होने के कारण क्षेत्र में ऐसी बैठकों का दौर शुरू हो गया है जिनमें धुर विरोधी को हराने के लिए अपने समर्थक नेता का पाला भी छोड़ कर दुश्मन के दुश्मन को दोस्त बनाने का प्रयास भी हो रहा है। ऐसे में आज की रात वोटों का ध्रुवीकरण के तगड़े प्रयास के कयास लगाये जा रहें है। ऐसे में अब निर्णायक यह आखिरी दौर के अंतिम प्रयास निर्णायक साबित हो सकेंगे।
ढल गया दिन हो गयी शाम, जाने दो जाना दो…
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। 1970 के दशक की फ़िल्म हमजोली का ये गीत आज चुनावी मैदान में घूमक्कड़ों पर फिट होता नजर आया। इस बार सबको इन घुमक्कड़ों ने असमंजस में डाल दिया कि आखिर माहौल किस ओर है। ये घूमक्कड़ एक नेता के साथ नहीं बल्कि उसके विरोधी नेता के साथ, सबके झंडे उठाए नजर आए और सबके नारे लगाते खड़े रहें। इतने दिन जिसे जहां घूमना था वहां घूम लिया लेकिन अब आखिरी रात को सभी अपने अपने घर की पहुंच रहे है। चुनाव में अब तक सर्मथक व कार्यकर्ता बन कर साथ घूमने वाले पाला बदल कर दूसरी ओर जाते दिख रहे है। इससे अंदर खाने काफी कोलाहल भी मचा है। इन घूमक्कड़ों के अलावा सभी प्रत्याशियों के भेदी भी जो अभी तक सामने वाले खेमें में बतौर सक्रिय कार्यकर्ता शामिल थे अब अपने घर लौट रहें है।