श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 18 नवम्बर 2023। विधानसभा चुनाव- 2023 के लिए मतदान 25 नवम्बर को होना है एवं मतदान के लिए आज से 6 दिन शेष रहें है। ऐसे में श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स द्वारा प्रतिदिन विशेष कवरेज “सत्ता का संग्राम” टाइम्स के सभी पाठकों के लिए चुनाव की काऊंडाउन के साथ लगातार प्रस्तुत किया जा रहा है। प्रतिदिन शाम को एक अंदरखाने की खबर के साथ क्षेत्र की चुनावी चर्चा पाठकों के समक्ष रखी जा रही है। इसी क्रम में पढ़ें आज की विशेष टिप्पणी।
अब आधी कमान, आधी आबादी के हाथों में।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा चुनावों में इस बार देश की आधी आबादी की सक्रियता खासी चर्चित हो रही है। भले ही सरकार ने आधी आबादी को वर्ष 2029 के चुनावों से 33 प्रतिशत आरक्षण का वायदा किया है लेकिन राजनीतिक सक्रियता में आधी आबादी ने अब आधी कमान संभाल ली है। यहां माकपा की ओर से कम्यूनिस्ट सीमा जैन ने, कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष अंजू पारख ने प्रचार कमान संभाली है वहीं भाजपा की ओर से कुसुम शर्मा की अगुवाई में अलग अलग मोहल्लों की टोलियां की टोलियां प्रचार में निकली हुई है। चुनाव में निर्दलीय ताल ठोकने वाली महिला सशक्तिकरण की प्रतीक बनी प्रीति शर्मा की महिला सर्मथकों की टोली भी प्रचार में जुटी हुई है। यही नहीं हंसिया हथौड़ा टीम द्वारा तो आगामी 21 को होने वाली रैली में महिला शक्ति सरकार को अपना आरक्षण को 33 से बढ़ा कर 50 करने का संदेश देने वाली है। खैर जो भी हो, चुनाव में अभी तक तुफानी दौरे, रैलियां, देर रात तक भाषण होने थे तो महिलाएं सक्रिय नहीं थी लेकिन अब जब हर घर तक प्रचार करना है तो प्रचार की “आधी कमान, आधी आबादी” ने संभाल ली है।
चक्रव्यूह में लगने लगी सेंध, भेदियों को ढूंढने में लगे व्योमकेश बक्शी।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। भारतीय टीवी और उपन्यास जगत में सबसे ज्यादा चर्चित जासूसी किरदार व्योमकेश बक्शी का नाम तो सभी ने सुना ही होगा। इस काल्पनिक किरदार को इन दिनों श्रीडूंगरगढ़ की राजनीति में सक्रिय देखा जा रहा है। हो कुछ यूं रहा है कि विधानसभा चुनाव के युद्ध में विजयी बनने के लिए सभी सेनापतियों ने अपने अपने चक्रव्यूह सजा लिए है। मजे की बात यह है कि सभी सेनापति अपने विरोधियों के सिपहेसलारों में से घर के भेदी ढूंढ कर इस चक्रव्यूह में सेंध लगाने में जोर लगा रहे है। इसके लिए देर रात को दूत के माध्यम से चर्चा, वाटसएप कालिंग को हथियार बनाया गया है। लेकिन मजे की बात यह है कि सभी सेनापतियों ने अपने अपने खेमें में साथ रह कर हराने वाले इन्हीं घर के भेदियों पर नजर रखने के लिए व्योमकेश बक्शी लगा दिए गए है। इन सिपहेसालारों के सम्पर्क में, प्रभाव में दिखने वाले दूर दराज के गांवों में बैठे सिपाहियों की सक्रियता से इसका अनुमान लगाया जा रहा है उनका सिपहेसलार भेदी बना या नहीं।
अंधी सेना से असमंजस में राजा, सेल्फ गोल करने लगे खिलाड़ी।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। अपने राजा के लिए मर मिटने वाली सेना हर राजा की ताकत होती है लेकिन राजनीति में आजकल ऐसी सेना के साथ साथ एक अंधभक्त सेना भी खासी सक्रिय है। इस विचारविहीन सेना से अभी देश के राजा भी परेशान है एवं सार्वजनिक मंचों पर अत्यधिक बेसब्र और हवा-हवाई आक्रामकता की सार्वजनिक रूप से निंदा भी कर चुके है। लेकिन यह सेना अभी भी सक्रिय है और श्रीडूंगरगढ़ के विधानसभा चुनावों में भी यह अंधभक्त सेना अपने अपने राजाओं के लिए मुसीबत बन रही हैं। हो कुछ यूं रहा है कि राजा और उनके सेनापति चुनाव में हर एक वोट का महत्व समझ कर अपना माहौल सेट करने में दिन रात एक किए हुए है वहीं यह अंधी सेना अपने एक कदम से जुड़ने वाले लोगों को अपने ही राजा का विरोधी बनाने में देर नहीं लगा रही है। अब विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के सेनापति की समस्या भी यही है क्योंकि सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा ये सेना ही उनके लिए नुकसान का कारण बन कर खड़ी हो रही है। अब इन नौसिखियों को कौन समझाए की सोशल मीडिया पर बेवजह क्लेश करने से वोट नहीं मिलते जनाब, कहें तो भी किसे कहें, सेल्फ गोल करने वाले यह खिलाड़ी जैसे भी है आखिर है तो अपनी ही टीम के ही…