श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 27 जुलाई 2022। क्षेत्र में किसान व पशुपालक सावधान हो जाएं क्योंकि गत एक सप्ताह में क्षेत्र में गायों में फैलने वाला लंपी चर्म रोग तेजी फैल गया है। आशंकाएं जताई जा रही है कि ये रोग और अधिक फैलने की ओर बढ रहा है। श्रीडूंगरगढ़ शहरी क्षेत्र सहित गांव मणकरासर, लोढेरा, लखासर, बींझासर, गुसाईंसर बड़ा, में ये बहुतायत में फैल गया है। बता लापरवाही बरतने पर दर्दनाक गांठो के साथ पशु की मौत भी हो सकती है, हालांकि इससे मृत्युदर कम है परंतु स्थिति गंभीर बनने में देर नहीं लगेगी। इस बीमारी का टीका पशु चिकित्सा विभाग के पास उपलब्ध नहीं है और क्षेत्र के किसान प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से टीका उपलब्ध करवाने की मांग कर रहें है। गांव गुसाईंसर बड़ा में किसान बीरबल गोदारा, लीछिराम सारण, लालचंद नाई, हेमाराम गोदारा सहित अनेक घरों में लंपी चर्म रोग से पीड़ित हो गई है और उनका ईलाज किया जा रहा है। डेलंवा गौशाला में भी इससे पशु पीड़ित हो गए है और डॉ. कमलेश द्वारा ईलाज किया जा रहा है। वेटेनरी छात्र श्रीभगवान ने बताया कि गुसाईंसर बड़ा में केस बढ़ रहें है और किसानों की जागरूकता के लिए प्रयास कर रहें है जिससे वे पशु का सही उपचार करवाएं।
ये है लक्षण, मौत भी हो सकती है।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गाय को बुखार, लार, आंखो और नाक से स्राव होना, वजन घटना, दूध उत्पादन में गिरावट, पूरे शरीर पर कठोर और दर्दनाक गांठ के रूप में दिखाई देना, त्वचा के घाव कई दिनों या महीनों तक बने रह सकते है। क्षेत्रिय लंपी रोग गांठे बनने लगती है, यह गाठें दो से घाव में बदल जाती है। ये नर या मादा में लंगड़ापन, निमोनिया, गर्भपात, बांझपन का कारण बन सकता है। मादा पशु का गर्भपात भी हो जाता है और इससे पशु की मौत भी हो सकती है।
रख रखाव व खान पान पर देवें ध्यान।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। पशु के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढा कर उसे स्वस्थ करने की दिशा में डॉक्टरों की टीमें जुटी हुई है। बता देवें किसान भी गायों के आहार पर ध्यान देवें व उन्हे पौष्टिकता वाला चारा व दलिया खिलाएं। पशु चिकित्सक कमलेश ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्वप्रथम किसान व पशुपालक पशु में संक्रमण के लक्षण नजर आते ही पशु को अन्य पशुओं से अलग कर दूसरे बाड़े में बांध देवें। तथा बिना देर किए डॉ. से संपर्क करें। डॉ. दीनू खान ने बताया कि गत चार दिनों से अनेक केस सामने आ रहें है। डॉ. खान ने बताया कि पशुपालक डॉक्टर द्वारा दी गई दवा के साथ आहार पर ध्यान देवें। गॉट पॉक्स नाम का टीका लगवाने का प्रयास करें तथा पीड़ित पशु के आस पास साफ सफाई का विशेष ख्याल रखें। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर जरूर देखें वीडियो और सभी पशुपालकों के साथ खबर व वीडियो शेयर जरूर करें जिससे सभी सावधानी बरत सकें।