श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 अप्रैल 2021। शुक्रवार सुबह श्रीडूंगरगढ़ के एक निजी चिकित्सालय में प्रसव के बाद नवजात के प्राण उस समय संकट में पड़ गए जब उसे सांस लेने में तकलीफ हुई एवं श्रीडूंगरगढ़ में कहीं ऑक्सीजन नहीं मिली। सामान्यतः नवजात को कुछ समय ऑक्सीजन स्पाेर्ट की आवश्कता होती है लेकिन क्षेत्र की नोकरशाही व नेताओं के लिए शर्मनाक बात यह है कि पूरे क्षेत्र में एक भी ऑक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध नहीं है। ऐसे में नवजात को, सिजेरियन डिलवरी में प्रसुताओं काे, अस्थमा का दाैरा पड़ने वाले राेगियाें काे ओर अन्य कई आपात स्थितियाें में ऑक्सीजन की आवश्यकता रहती है। लेकिन श्रीडूंगरगढ़ में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हाेने के कारण रोगियों को बीकानेर रैफर होना पड़ रहा है, सर्जरी टाली जा रही है एवं अस्थमा वाले मरीज ताे माैत की कगार पर खड़े है। बीकानेर पीबीएम स्तिथ काेविड सेंटर से क्षेत्र के कई काेविड संक्रमिताें काे भी यह कह कर घर भेज दिया गया कि राेगी की तबीयत अधिक गंभीर नहीं है एवं ए ऐसे में घर पर ही ऑक्सीजन व्यवस्था रख कर मरीज को इलाज दिया जाए। ऐसे में पूरे श्रीडूंगरगढ़ में काेविड राेगियाें के परिजन ऑक्सीजन सिलेण्डर के लिए भागमभाग कर रहे है। जिला प्रशासन द्वारा जिले में स्थित ऑक्सीजन प्लांट को अधिग्रहित करने के बाद प्राथमिकता के साथ बीकानेर पीबीएम में ऑक्सीजन आपूर्ति की जा रही है लेकिन क्या श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के समस्त राेगियाें की जान दाव पर लगाना न्यायसंगत है। जिले में अन्य सभी ब्लाक में ये हालात है क्याेंकि वहां पर नेताओं, अधिकारियाें ने पूरजाेर तरीके से आवाज उठा कर अपने अपने क्षेत्र के जरूरतमंदाें काे ऑक्सीजन दिलवाई गई है। कड़वा सवाल यह है कि क्या वाेट मांगते समय हर सुख दुख में साथ देने का वायदा करने वाले सभी पार्टियाें के नेताओ की अब काेई जिम्मेदारी नहीं बनती? राेजाना के हजाराें रुपए का राजस्व विभिन्न चालान काट कर एकत्र करने वाले प्रशासन की इस संबध में काेई जिम्मेदारी नहीं बनती?
श्रीडूंगरगढ़ के गंभीर होते हालात।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। श्रीडूंगरगढ़ में पिछले कई दिनों से ऑक्सीजन के लिए नागरिक भटक रहे है। कस्बे की सामाजिक संस्था नागरिक विकास परिषद, तेरापंथ युवक परिषद ओर निजी चिकित्सालयाें द्वारा ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले राेगियाें काे ऑक्सीजन सेवा लंबे समय से दी जा रही थी। नागरिक विकास परिषद द्वारा 55 छाेटे सिलेण्डर, 4 बड़े सिलेण्डर, तेयुप द्वारा 26 छाेटे सिलेण्डर लगातार राेगियाें की सेवा में उपलब्ध थे। लेकिन अब हाल यह है कि इन दोनों संस्थाओं के पास एक भी सिलेण्डर भरा हुआ नहीं है। ऐसे ही यहां पर तुलसी हॉस्पिटल, धनवंतरी हॉस्पिटल, जाेशी हॉस्पिटल आदि में राेगियाें के लिए एक भी सिलेण्डर उपलब्ध नहीं है एवं यहां पहुंचने वाले ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले राेगियाें काे बीकानेर रैफर किया जा रहा है। श्रीडूंगरगढ़ के राजकीय चिकित्सालय में चिकित्सालय के खुद के एवं सामाजिक संस्थाओं के सहयाेग से 8 बड़े सिलेण्डर, 30 छाेटे सिलेण्डर ताे जमा कर लिए गए है लेकिन रिफिल की व्यवस्था नहीं हाेने के कारण यहां पर अभी केवल 8 छाेटे सिलेण्डर ही स्टॉक में है और उन्हें ही लगातार काम में लिया जा रहा है। अब आवश्यकता है कि क्षेत्र के राेगियाें की जान की हिफाजत के लिए नेता एवं अधिकारी सक्रिय हाे एवं यहां के चिकित्सालयाें, सामाजिक संस्थाओं के सिलेण्डर रिफिल करें या सभी सिलेण्डर राजकीय निरीक्षण में रखवा ले और जरूरतमंद राेगी काे प्रदान करने की व्यवस्था करें। अगर इस कार्य में किसी प्रकार की धन संबधी आवश्यकता भी हो ताे पूर्व में भी सदैव कस्बे के दानदाता ही तत्पर रहें है वो अभी भी तैयार है। लेकिन कमी है ताे बस एक कदम आगे बढ़ा कर क्षेत्र के राेगियाें के जीवन की रक्षा का संकल्प लेने की।