श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 अप्रैल 2021। श्रीडूंगरगढ़ के धनवंतरी चिकित्सालय में गुरूवार रात काे एक प्रसुता का प्रसव ऐतिहासिक बन गया। अत्यंत जटील अवस्था में यहां प्रसव के लिए एक महिला पहुंची ताे चिकित्सालय टीम के साथ साथ खुद प्रसुता एवं परिजन भी हतप्रभ रहे गए। तहसील के गांव माेमासर की निवासी राधादेवी पत्नी डालूराम सिंवल की पांच संतानें पहले हाे चुकी थी एवं छठी डिलवरी के लिए वह गुरूवार रात काे करीब 11.30 बजे धन्वंतरी चिकित्सालय पहुंची। राधादेवी के पहले से पांच डिलवरी हाे जाने के कारण छठें प्रसव काे सामान्य मानते हुए उसके परिजनाें ने भी प्रसवकाल काे गंभीरता से नहीं लिया। यहां तक के नाै महिने के दाैरान एक बार भी साेनाेग्राफ्री नहीं करवाई थी और जब चिकित्सालय पहुंचे ताे अनुभवी चिकित्सक प्रणाली जैन ने जटीलता काे देखते हुए तुरंत साेनाेग्राफ्री की। साेनाेग्राफ्री में राधादेवी के गर्भ में एक नहीं दाे नहीं तीन तीन बच्चे एक साथ देख कर चिकित्सक भी चकित हुई एवं राधादेवी व परिजन भी खासे हैरानी भरी खुशी में भर गए। छठां प्रसव हाेने के कारण राधादेवी की बच्चेदानी भी कमजाेर थी एवं तीन बच्चाें का भार सहन नहीं कर पा रही थी। ऐसे में साेनाेग्राफ्री टेबल पर ही राधादेवी का प्रसव हुआ एवं पहले बच्चे हुआ। बाद में उसे लेबर रूम में शिफ्ट किया गया व वहां पर उसके दाे और बच्चाें का जन्म हुआ। धन्वंतरी चिकित्सालय की सेवाओं के चलते कोरोना के कठिन काल में तीन नई जिंदगिंया चमत्कार की तरह खिल उठी है। तीनाें बच्चाें काे स्वस्थ प्रसव करवाने वाली डॉ. प्रणाली अहले ने बताया कि सोनोग्राफी के दाैरान तो स्थिति ये थी कि अगर महिला को हिलाया भी गया तो बच्चों की जान पर बन आएगी। ऐसी स्तिथि में सोनोग्राफी टेबल पर ही डिलेवरी करवाने का निर्णय लिया गया। डॉ. अहले के साथ डॉ. परवेज, डॉ. एम.एस. संधू तथा मुकेश, हरि, सुमन, राजेन्द्र की टीम ने ये सेफ डिलेवरी करवाई और कोरोना के काले काल में क्षेत्र में प्रकृति ने तीन जीवन एक नए सवेरे की उम्मीद की तरह दिए। नवजात एक बालिका व 2 बालक नवजात अभी पूर्ण स्वस्थ है व एक बालक का वजन 1.5 किलोग्राम, दूसरे बालक का 2 किलोग्राम तथा बालिका का 1.8 किलोग्राम वजन है। डॉ. अहले और उनकी टीम को डालूराम व उनके परिवार ने पत्नी व बच्चों की जान बचा लेने के लिए बारबार आभार जताया। विदित रहे कि धन्वंतरी चिकित्सालय द्वारा काेराेना काल में जब अन्य निजी चिकित्सालयाें द्वारा सेवांए बंद कर दी गई थी तब से ही लगातार 24 घंटे चिकित्सकीय सेवांए उपलब्ध करवाई जा रही है।