महिला सरपंच प्रतिनिधि के खिलाफ कार्यवाही के आदेश, महिला सरपंच को स्वयं भाग लेना होगा कार्यवाही में।





श्रीडूंगरगढ टाइम्स 10 फरवरी 2020। समाज की पुरूष प्रधान मान्यताओं में आज राजस्थान सरकार का ये फैसला की महिला सरपंच स्वयं पंचायत की कार्यवाही में भाग लेगीं ये महिला सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित होगा। और गांवो की आबोहवा अब तब्दील होना लाजमी होगा। हमारे क्षेत्र में 53 सरपंचो में 26 महिला सरपंच है परंतु सरपंचाई उनके प्रतिनिधि ही करते है। हालांकि इस फैसले को अभी धरातल पर लागू करना मुश्किल होगा क्योंकि आरक्षण में सीट महिला आ जाती है परन्तु आज भी सभी कार्य उनके प्रतिनिधि ही करते है और अब इन प्रतिनिधियों को इस परिपाटी के विरूध चलने में काफी कष्ट का अनुभव होगा। बरजांगसर की पढी लिखी पूर्व सरपंच प्रियंका सिहाग ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि देर से ही सही पर महिलाओं की स्थिति में सुधार अवश्य होगा।

प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्यवाही का प्रावधान किया गया है—
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। ऐसे सरपंच प्रतिनिधि जो महिला सरपंच के स्थान पर कार्य करेगें उनके विरूध पंचायती राज्य अधिनियम 1994 की धारा 38 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि सहयोग करने वाले अधिकारी के खिलाफ भी सीसीए नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। पंचायत राज विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त राजेश यादव ने ऐसा पाए जाने पर सक्षम अधिकारी को कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा कि पंचायत राज्य संस्थाओं में नवनिर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि के स्थान पर उनके निकट संबंधी या रिश्तेदार काम नहीं कर सकेंगे ऐसा पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तथा सहयोग करने वाले अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी पंचायत राज विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त राजेश यादव ने सभी जिला कलेक्टर एवं बीडियो को पत्र लिखा है यादव के अनुसार सरकार के ध्यान में आया है कि पंचायत राज संस्थाओं में नवनिर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके निकट संबंधी या रिश्तेदार कार्यालय के रोजमर्रा के काम कर रहे हैं तथा बैठक में भाग ले रहे हैं जो कतई ठीक नहीं । धारा 38 में होगी कार्यवाही सचिव के अनुसार महिला जनप्रतिनिधि के स्थान पर किसी अन्य को काम करते या बैठक में भाग लेते हुए पाए जाने पर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

सरकार में महिलाओं की अधिक भागीदारी से कम होता है भ्रष्टाचार
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। एक सर्वे में यह बात निकल कर सामने निकालकर आई है कि जिन सरकारों में महिलाओं की भागीदारी अधिक होती है वहां भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है। यह सर्वे जर्नल ऑफ इकोनॉमिक बिहेवियर एडं ऑर्गनाइजेशन नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। दुनिया के 125 से ज्यादा देशों के आकड़ों के विश्लेषण करने के बाद एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि स्थानीय राजनीति में भी महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है यूरोप में जिन जगहों पर स्थानीय राजनीति में महिलाओं की संख्या ज्यादा है वहां रिश्वतखोरी का दर बहुत कम या न के बराबर होता है।