श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 जून 2021। राजस्थान में शहरों से लेकर कस्बों गांवो में भी भ्रष्टाचार से आहत आमजन को अब राहत की उम्मीद हो सकती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अब राज्य के सभी करीब साढ़े 8 लाख कर्मचारियों के लिये अचल संपत्ति का विवरण देना अनिवार्य कर दिया है। गहलोत ने मंगलवार को आदेश जारी कर टॉप ब्यूरोक्रेट्स से लेकर पिऑन तक सभी को इसमें शामिल कर दिया है। बता देवें पहले केवल राजपत्रित अधिकारियों के लिये ही प्रोपर्टी डिक्लरेशन अनिवार्य था, लेकिन अब यह सभी राज्य कर्मचारियों पर लागू होगा। प्रदेश के कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अनिवार्य रूप से अपनी-अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना होगा। अचल संपत्ति को विवरण नहीं देने पर कार्मिक का वार्षिक इंक्रीमेंट एवं प्रमोशन प्रभावित हो सकता है। कर्मचारियों को 1 जनवरी 2021 की स्थिति में अपनी अचल संपत्ति का विवरण देना होगा।