May 15, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 25 जून 2021। मयूरासन संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है, जो कि दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमे पहले शब्द “मयूर” का अर्थ “मोर” है और दूसरा शब्द “आसन” का अर्थ “मुद्रा” होता है। इस आसन में आपकी स्थिति मोर के जैसे दिखाई देती है। ऐसा लगता है मानो मोर अपने पंख फैला कर बैठा हो।

मयूरासन करने की विधि
1. मयूरासन करने के लिए सबसे पहले आप किसी स्वच्छ स्थान पर चटाई बिछा के घुटनों के बल बैठ जाएं।
2. अपने हाथों को जमीन पर रखें, जिसमे आपको अपनी हाथ की उंगलियों को अपने पैरों की ओर रखना है।
3. अपने पैरों को पास पास और दोनों घुटनों को दूर दूर रखें।
4. दोनों घुटनों के बीच में अपने दोनों हाथ होने चाहियें।
5. इसके बाद अपने हाथ की कोहनी को अपने पेट पर अच्छे से सेट करें, इसमें दोनों कोहनी आपकी नाभि के दाएं-बाएं होंगी।
6. इसके बाद अपने दोनों पैरों को पीछे की ओर फैला के सीधा कर लें।
7. अब अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं और अपने दोनों हाथों पर शरीर का पूरा वजन लाने का धीरे धीरे प्रयास करें।
8. दोनों हाथों पर संतुलन बना के अपने शरीर को ऊपर रखें, इसमें सिर्फ आपके हाथ जमीन से जुड़े रहेंगे और आपका पूरा शरीर हवा में रहेगा।
9. अपनी क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में आप अधिक समय तक रह सकते हैं।
10. पुनः अपनी प्रारंभिक स्थिति में आने के लिए अपने पैरों को नीचे जमीन पर लें आयें।

सावधानियां
1.गर्भवती महिलाएं मयूरासन को ना करें।
2.अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग, हर्निया, पेप्टिक अल्सर आदि की समस्या हैं तो आप इस आसन को ना करें।
3.टीबी यानी तपेदिक के मरीजों को भी मयूरासन नहीं करना चाहिए। हृदय रोग या हार्ट की बीमारियों से ग्रसित लोगों को भी मयूरासन नहीं करना चाहिए। अल्सर और हर्निया रोग से पीड़ित लोगों को भी मयूरासन करने से बचना चाहिए।

विज्ञान आधारित फायदे
1.नियमित रूप से मयूरासन का उपयोग करने से यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है। जिससे शरीर को ट्यूमर और बुखार जैसी समस्‍याओं से बचाया जा सकता है।
2. मयूर आसन करने वाले लोगों में यह पाचन अंगों को स्‍वस्‍थ बनाता है।
इसके अलावा मयूर आसन करने से पेट में रक्‍त संचरण को बढ़ावा मिलता है। जिससे पेट और इसके अंदरूनी तंत्र को मजबूत करने में शरीर को मदद मिलती है। यदि आपका पाचन तंत्र कमजोर है, तो आप इसे मयूरासन की सहायता से मजबूत कर सकते हैं।
3. जिन लोगों को मधुमेह की समस्‍या होती है, उनके लिए मयूरासन किसी उपचार से कम नहीं है। ऐसा माना जाता है कि नियमित रूप से मयूरासन करने पर यह शरीर में रक्‍तशर्करा के स्‍तर को नियंत्रित कर सकता है।
ऐसा इसलिए है क्‍योंकि मयूरासन करने के दौरान हमारा शरीर अतिरिक्‍त ऊर्जा को खर्च करता है। जिसके परिणामस्‍वरूप शरीर में मौजूद वसा और रक्‍त ग्‍लूकोज का उपयोग किया जाता है।
इस प्रकार शरीर अतिरिक्‍त ऊर्जा उत्‍पादन के लिए शरीर में मौजूद अतिरिक्‍त शर्करा का उपभोग करता है। जिससे रक्‍त शर्करा के स्‍तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा मयूरासन के फायदे बवासीर के लक्षणों को भी कम करने के लिए जाने जाते हैं।
4. प्रजनन क्षमता की कमी वाले पुरुषों के लिए यह योग बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा मयूरासन महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता है। नियिमत रूप से महिलाओं द्वारा मयूरासन करने पर यह मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
इसके अलावा यह यौन गतिविधि में सुधार कर सकता है। जिससे आप अपने यौन जीवन का लाभ उठा सकते हैं।
5. मयूरासन करने से कंधे, कोहनी, कलाई और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने में मदद मिलती है।
6. नियमित रूप से मयूरासन करने पर यह आपके शरीर को बाहरी रूप से तो स्‍वस्‍थ रखता है। इसके अलावा यह आपके आंतरिक अंगों को भी सक्रिय और उत्तेजित कर सकता है। यह आपके पैनक्रियास, पेट, यकृत, प्‍लीहा, गुर्दों और आंतों को सक्रिय करता है। जिससे आपका शरीर स्वस्थ और मजबूत बन सकता है।

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