April 26, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 15 फरवरी 2020। राज्य के अजमेर में अब तक की सबसे बड़ी अघोषित आय मिल सकती है। आयकर अधिकारी तीन दिनों से सैनी और शर्मा बन्धुओं के ठिकानों पर डेरा डाल कर बैठे है। इनके घर की तिजोरियां और बैंक लॉकर करोड़ों की नगदी ओर कई किलो सोना चांदी उगल रहें है।

अजमेर के खान व मार्बल कारोबारी घनश्याम सैनी, विजय सैनी तथा ग्रेनाइट कटर मशीनों का निर्माण करने वाले दिनेश शर्मा व उनके छोटे भाई यशवंत शर्मा के 40 से भी ज्यादा ठिकानों पर 15 फरवारी को भी लगातार तीसरे दिन आयकर विभाग की छापामार कार्यवाही होती रही। हालांकि अभी दोनों समूहों की अघोषित आय के बारे में अधिकृत घोषणा नहीं हुई, लेकिन घरों की तिजोरियों और बैंक के लॉकर से लगातार करोड़ों रुपए की नगदी और सोना-चांदी उगल रहे हैं। यही वजह है कि नोट गिनने के लिए बैंकों से मशीने मंगाई गई है, जबकि सोना-चांदी तौलने के लिए इलेक्ट्रॉनिक तराजू। दो हजार और पांच सौ रुपए के नोटों के बंडल और सोना-चांदी के ढेर देख कर आयकर अधिकारियों को भी आश्चर्य हो रहा है। छापामार कार्यवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 350 अधिकारी कर्मचारी 13 फरवरी की सुबह से ही 40 से भी ज्यादा ठिकानों पर जांच पड़ताल कर रहे हैं। दोनों कारोबारी समूहों के घर, फैक्ट्री, ऑफिस, आदि पर एक साथ छापामार कार्यवाही की गई है। अधिकारियों को उम्मीद से कई गुना अघोषित सम्पत्तियों का पता चला है। दो हजार के नए नोटों के बंडल भी मिले हैं, जिससे प्रतीत होता है कि पिछले लम्बे समय से नगदी एकत्रित की जा रही थी। इसी प्रकार नोटबंदी के समय बड़ी मात्रा में सोना-चांदी खरीदने का भी पता चला है। असल में घनश्याम सैनी और उनका भाई विजय सैनी कई खानों के मालिक हैं। किशनगढ़ में मार्बल फैक्ट्रियां भी लगा रखी है। चूंकि खनन कार्य में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की संभावना होती है, इसलिए काली कमाई भी एकत्रित होती रहती। सैनी बंधुओं ने हाल हाल ही में अजमेर में जयपुर रोड स्थित पैराडीजो समारोह स्थल भी खरीदा। यही वजह रही कि समारोह स्थल बेचने वाले अशोक जैन और अन्य कारोबारी भी आयकर विभाग की जांच के दायरे में आ गए। सैनी बंधुओं से जुड़े किशनगढ़ के मार्बल कारोबारी आलोक मालपानी और अखिलेश मालपानी ने यहां भी जांच पड़ताल हो रही है। सैनी बंधुओं की जांच का मुख्य केन्द्र गुलाबबाड़ी स्थित आवास बना हुआ है। सैनी बंधुओं ने पिछले कुछ ही वर्षों में बेशुमार दौलत एकत्रित की है।
शर्मा बंधुओं को लेकर भी आश्चर्य:
आयकर विभाग के अधिकारियों को दिनेश शर्मा व यशवंत शर्मा की अघोषित सम्पत्तियों को लेकर भी आश्चर्य हो रहा है। शर्मा बंधु अपनी अलग अलग फैक्ट्रियों में ग्रेनाइट कटर मशीन बनाने का काम करते हैं। करोड़ों रुपए की कीमत वाली मशीनों की एक वर्ष वेटिंग है। इससे शर्मा बंधुओं की कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन आयकर विभाग में दोनों भाइयों की छवि ईमानदार करदाता के तौर पर है। दोनों भाइयों की समाज में भी अच्छी प्रतिष्ठा है, लेकिन सैनी बंधुओं की तरह ही शर्मा बंधुओं के घरों की तिजोरियां और बैंक के लॉकर नोट और सोना-चांदी उगल रहे हैं। शर्मा बंधु भगवती मशीन टूल्स प्रा.लि. के नाम से अलग अलग कारोबार करते हैं। दोनों भाइयों द्वारा बनाई जाने वाली मशीनों की देशभर में डिमांड है। दोनों भाइयों ने मशीन निर्माण की स्वयं की तकनीक ही विकसित की है।

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