भारतीय रेलवे बदल रहा है, समस्या समाधान गति पहुंची अब आम नागरिक तक

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 15 फरवरी 2020। सरकारी दफ्तरों में काम का तरीका प्रेमचंद की कहानी भोलानाथ का जीव से स्पष्ट हो जाता है। इस कहानी के बाद आज आधुनिक भारत में भी विभागों के हालात बदतर ही है। पर ऐसे में सुखद समाचार ये है कि भारतीय रेलवे अपने पूराने ढर्रे से बाहर निकल रहा है। अब सोशल मीडिया की ताकत के साथ रेलवे समस्या समाधान करने में त्वरित जुट जाता है। भारत सरकार की समस्या हल करने की गति अब सामान्य जनता तक पहुंचने लगी है। हमारे कस्बे के एडवोकेट अनिल धायल बजरंग लाल बाना के साथ दिल्ली निजामुद्दीन से विशाखापत्तनम जाने वाली समता एक्सप्रेस में द्वितीय श्रेणी कोच 3 में सफर कर छत्तीसगढ रायपुर जा रहे थे। अनिल ने ट्रेन में बैठते ही पाया की उनके कोच में मोबाइल चार्जर सॉकेट काम नहीं कर रहे है व अधिकतर यात्री परेशान हो रहे थे जिनमें कुछ सफर कर महिलाएँ भी शामिल थी। अनिल ने ट्रेन भोपाल पहुंचने से 1.30 घंटे पहले रेलवे को ट्वीट किया व उस ट्वीट पर इंडियन रेलवे सेवा ने रिट्वीट करते हुए डीआरएम भोपाल को इसे देखने के लिए कहा। ट्रेन का अगला स्टेशन भोपाल ही था और भोपाल आते ही रेलवे टीम ने सॉकेट ठीक कर दिए। जो यात्री मोबाइल चार्ज नहीं होने पर रेलवे को कोस रहे थे वे अब रेलवे को देश की सबसे बड़ी सेवा सर्विस बताते हुए तारिफ कर रहे थे। अनिल धायल ने भी रेलवे की कार्यप्रणाली की तारीफ करते हुए कहा कि देश बदल रहा है आम आदमी की एक शिकायत पर उसकी समस्या का समाधान करने वाला व तुरन्त एक्शन लेने वाला संभवत देश का एकमात्र और प्रथम विभाग है।