भाकर ले गए गोदारा लड़की, लक्ष्मी मान कर किया मान-सम्मान, सीख लें समाज।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 2 दिसम्बर 2020। दहेज दानव के खात्मे के लिए क्षेत्र में कई जागरूक नागरिक आगे आ रहें है। अब ऐसे उदाहरण हमारे क्षेत्र में भी देखने को मिलने लगे है जहां दहेज को सामाजिक प्रतिष्ठा से नहीं जोड़ कर सामाजिक कुरीति मान कर छोड़ने का नवाचार अपनाया जा रहा है। उपखंड के छोटे से गांव लाछड़सर के हनुमानाराम भाकर ने बड़ी सोच के साथ एक मिसाल कायम की है जिसकी चर्चा आज पूरी तहसील में हो रही है। हनुमानाराम भाकर ने कहा कि दहेज सामाजिक प्रतिष्ठा नहीं बल्कि संस्कारवान बेटी देना जो किसी के घर में उजाला भर देती है, को सौंपना ही प्रतिष्ठा है। भाकर ने कहा कि समाज अब आगे बढ़ें और सभी युवा व उनके परिजन घर की लक्ष्मी मान कर बहू घर में ससम्मान लेकर आएं। भाकर ने अपने पुत्र महेन्द्र का विवाह ऊपनी निवासी कृष्णा गोदारा पुत्री हरजीराम गोदारा के साथ समठुणी में रूपया नारियल लेकर सम्पन्न करवाई। विवाह समारोह उपस्थित सभी सदस्यों ने इस फैसले का स्वागत किया और बेटी कृष्णा के भाग्य को सराहा की उन्हें प्रगतिशील परिवार मिला है। बता देवें कि हनुमानाराम भाकर टैगोर स्कूल कितासर के संचालक है और पूरा परिवार शिक्षित है।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। लाछड़सर निवासी हनुमानाराम भाकर ने अपने पुत्र महेंद्र के विवाह में एक रुपया नारियल लेकर समठुणी सम्पन्न की।