



श्रीडूंगरगढ टाइम्स 17 दिसम्बर 2019। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को मंगलवार को विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई। उन्हें देशद्रोह का दोषी पाया गया था। मुशर्रफ 45 महीने से दुबई में रह रहे हैं। पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति को भगोड़ा करार दिया था। उन पर 3 नवंबर 2007 को पाकिस्तान पर इमरजेंसी लगाने के लिए देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था। इस मामले में दिसंबर 2013 में सुनवाई शुरू हुई थी।
मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान में शासन किया। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और लाल मस्जिद के धार्मिक गुरु की हत्या के मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
धीमी न्याय प्रक्रिया का फायदा उठाकर पाकिस्तान से भाग निकले मुशर्रफ
मुशर्रफ पर दिसंबर 2013 में मामला दर्ज किया गया था। उन्हें 31 मार्च 2014 को दोषी पाया गया था। अभियोजन पक्ष सितंबर तक मुशर्रफ के खिलाफ सभी सबूत पेश कर दिए थे। हालांकि, अलग-अलग अपीलीय फोरम में मामला चलने की वजह से सैन्य तानाशाह का मामला टलता चला गया। मुशर्रफ ने इसका फायदा उठाते हुए मार्च 2016 में पाकिस्तान छोड़ दिया और दुबई चले गए।
मुशर्रफ सजा से बचने के लिए हाईकोर्ट में पहले ही याचिका दायर कर चुके
जनरल मुशर्रफ ने पिछले हफ्ते अपने वकीलों के जरिए लाहौर हाईकोर्ट में अपील दर्ज कराई। इसमें उन्होंने मांग की थी कि हाईकोर्ट उनके खिलाफ विशेष अदालत में चल रही सुनवाई को रुकवाए। दरअसल, मुशर्रफ पहले ही हाईकोर्ट में विशेष अदालत के गठन के खिलाफ याचिका दे चुके हैं। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ केस की मंशा पर सवाल उठाया था।