श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 अप्रैल 2024। सबसे चर्चित मुद्दे में पढ़े देश में ही नहीं विदेश में भी छाए कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के बारे में- कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है और मीडिया में छाया हुआ है। ब्रिटिश फार्मा कंपनी एंस्ट्राजिनेका ने पहली बार स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते है। ब्रिटिश हाईकोर्ट में दिए दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने पहली बार माना है कि उसकी वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकते है। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को कई देशों में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड नामों के तहत बेचा गया था। दो बच्चों के पिता जेमी स्कॉट ने पिछले साल कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। इसमें कहा गया था कि वैक्सीन लेने के बाद उनके ब्रेन में खून के थक्के जम गए थे। जिससे वह काम करने में असमर्थ हो गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन के हाईकोर्ट में ऐसे 51 मामले दर्ज है जिनमें पीड़ितों और तीमारदारों ने 10 करोड़ पाउंड तक के क्षतिपूर्ति मुआवजे की मांग की है।
भारत में 80% डोज कोविशील्ड के लगे।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। एस्ट्राजेनेका ने इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर तैयार किया था। भारत में इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से जानते है, जिसका उत्पादन देश में अदार पूनावाला के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया था। सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है। भारत में करीब 80 प्रतिशत डोज कोविशील्ड की ही लगाई गई है।