April 30, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 16 मार्च 2020।  मोटापा सिर्फ एक कॉस्मेटिक समस्या नहीं है। यह स्वास्थ्य के लिए खतरा है। मोटापा अपने साथ कई गंभीर बीमारियां लेकर आता है, जिसमें हृदय रोग और स्ट्रोक, उच्च रक्त चाप, मधुमेह, कैंसर, गॉलब्लेडर और गॉलस्टोन्स, ऑस्टियोआर्थराइटिस, गाउट, श्वास संबंधी समस्याएं जैसे स्लीप एपनिया यानी जब कोई व्यक्ति नींद के दौरान थोड़े समय के लिए सांस लेना बंद कर देता है और अस्थमा शामिल हैं।

www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अनुराग शाही का कहना है कि ज्यादा खाना, वात कफ बढ़ाने वाला भोजन खाना, पर्याप्त तरीके से सक्रिय ना होना, पर्याप्त नींद न लेना, मेटाबॉलिज्म प्रणाली, आनुवांशिकता इसके कारण हो सकते हैं।

आमतौर पर डॉक्टर इस बात से सहमत होते हैं कि कोई व्यक्ति जितना अधिक मोटापे से ग्रस्त है, उसे स्वास्थ्य समस्याएं होने की आशंका उतनी ही अधिक है। जो लोग 20 प्रतिशत या इससे ज्यादा ओवरवेट हैं, वे वजन कमकर खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। यह उस स्थिति में जरूरी है जब व्यक्ति का गंभीर बीमारियों का पारिवारिक इतिहास हो। पहले से किसी बीमारी से गुजर रहे हों जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल या हाई ब्लड शुगर लेवल। यही नहीं एप्पल शेप यानी जिन लोगों का वजन उनके पेट के आसपास केंद्रित होता है, उन्हें उसी वजन के साथ पीयर शेप की तुलना में ह्दय रोग, मधुमेह या कैंसर का ज्यादा जोखिम रहता है। पीयर शेप यानी जो लोगों का कूल्हों या नितंबों पर ज्यादा वजन ढ़ोते हैं।

इस तरह मोटापा जुड़ा है हृदय रोग और स्ट्रोक से
हृदय रोग और स्ट्रोक मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारण हैं। अधिक वजन वाले लोगों में उन लोगों की तुलना में उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम ज्यादा होता है जो ओवरवेट नहीं है। कोलेस्ट्रॉल के हाई ब्लड लेवल्स से भी हृदय रोग हो सकता है और अक्सर अधिक वजन होने से जुड़ा होता है। अधिक वजन होना भी एनजाइना (ह्दय में कम ऑक्सीजन के कारण होने वाला सीने में दर्द) और बिना किसी लक्षण के दिल की बीमारी या स्ट्रोक से अचानक मृत्यु का कारण बन सकता है।

अच्छी खबर यह है कि थोड़ा सा वजन कम करने से हृदय रोग या स्ट्रोक होने की आशंका कम हो सकती है। अपने वजन को 10 प्रतिशत कम करने से हृदय रोग के विकास की आशंका को कम किया जा सकता है।

ऐसे जुड़ा है मोटापा मधुमेह से
टाइप 2 मधुमेह आपके शरीर की रक्त शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता को कम कर देता है। यह समय से पहले मृत्यु, हृदय रोग, स्ट्रोक और अंधापन का एक प्रमुख कारण है। सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में अधिक वजन वाले लोगों में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की आशंका दोगुनी होती है। यदि टाइप 2 मधुमेह है, तो वजन कम करना और शारीरिक रूप से सक्रिय रहना आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

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