श्रीडूंगरगढ टाइम्स 16 अप्रेल 2020। कोरोना महामारी के राज्य में पसरते पैर अपने गांवों तक नहीं पहुंचने देने के उद्देश्य से ग्रामीण युवा अपने गांवो की सुरक्षा की जिम्मेवारी अपने कंधों पर उठा रहे है। हालांकि कई गांवो में ये प्रयास आपसी मनमुटाव के चलते सफल नहीं हो सका पर कहीं युवाओं ने आपसी मतभेदों को भूला दिया और गांव के हित को सर्वोपरी मान कर अपना कर्तव्य निभाने में जुट गए व इस मिशन में सफल भी हो रहे है। हमारे क्षेत्र के गांव सोनियासर के सातों बास, तोलियासर व हमारे पास ही के क्षेत्र नापासर के गांव रामसर में युवाओं ने एकजुटता की मिसाल पेश की है। आज टाइम्स की टीम इस कोरोना महामारी से अपने गांव को बचाने में रातदिन पहरा दे रहे इस युवाशक्ति को सैल्युट करती है और आप सभी तक इस सराहनीय प्रयास को पहुंचाने का कार्य इस कोरोना ग्रांउड रिपोर्ट में कर रही है।
स्टोरी – 1 कोरोना को हराने के लिए अब लॉकडाउन फेज दो में सोनियासर के सातों बासों के गांवों में युवाओं ने अपने क्षेत्र की सीमाऐं सील कर दी है। गांव में ग्रामीण जो इसकी भयावहता को समझ रहे है उनकी चितांऐ बढने के साथ ही राहत भी है कि गांव की सुरक्षा में ये युवा जुटें है। इस गांव के ग्रामीणों को मानसिक बल भी इस बात का है कि प्रशासन की सुविधाऐं और संसाधन भले ही इस समय इनके पास पर्याप्त नहीं है पर ये युवाशक्ति जो डटी है गांव में प्रवेश करने के रास्तों पर ये कोरोना को गांव में आने नहीं देने के लिए। गांव सोनियासर मिठिया में शहीद हेतराम गोदारा ट्रस्ट के युवा अपने आस पास के सातों बासों में नाकाबंदी कर गांव की सुरक्षा में रात दिन जुटें हुए है। ये युवा गांवों के रास्तों पर पहरा लगाते हुए निगाह रख रहे है कि अपने गांव में बेवजह ना कोई आ सके ना कोई बेवजह जा सकें। ये बास दो पंचायतों में बंटे हुए है एवं सरपंच नंदकिशोर बिहानी व सरपंच प्रतिनिधि प्रभुराम मेघवाल सहित ट्रस्ट के अध्यक्ष राजाराम गोदारा, कोषाध्यक्ष भंवरलाल जोशी, सहसचिव राजूनाथ, देवी सिंह राठौड़, ब्रदीनाथ धेतरवाल, सहित ट्रस्ट के सदस्य चौबिस घंटे ड्युटी दे रहे है लक्ष्य एक ही कि कोरोना महामारी गांव में किसी भी तरह से प्रवेश नहीं कर सकें। राजाराम गोदारा ने बताया कि युवा पूर्ण संयम और निष्ठा से ये कार्य कर रहे है। सभी मिल कर किसी गाड़ी को परेशान नहीं करते है और कोई संदेहास्पद बात होते ही श्रीडूंगरगढ प्रशासन को सूचित कर देते है और बाहर से आने वालों पर निगाह रखते है। ग्रामीण इससे खुश है कि इससे नशे का प्रवेश भी गांव में नहीं हो पा रहा है और कोरोना से भी सुरक्षा हो रही है।
स्टोरी -2 विश्व रक्षक बाबा भैंरूनाथ के धाम तोलियासर गांव की रक्षा में भी गांव के भैँरूभक्त ही जुटे हुए है। गत पंचायत में सरपंचाई युवाओं के हाथ में आई एवं युवा सरपंच पति गिरधारीसिंह राजपुरोहित की अगुवाई में पूरे गांव के युवा एकजुट होकर गांव से कोरोना को दुर रखने में जुट गए है। गांव में प्रवेश के आठ रास्ते है एवं सभी रास्तों पर पूरी रात गांव के युवा पहरेदारी कर रहे है। गिरधारीसिंह ने बताया कि गांव से बडी संख्या में प्रवासी नागरिक बाहर रहते है एवं ऐसे में छिपते छिपाते आने का अंदेशा है। हालांकी तोलियासर सरपंच ने राज्य सरकार को पत्र लिख कर दुसरे प्रदेशों में फंसे हुए प्रवासियों को उनके गृह क्षेत्र तक लाने की मांग भी की है लेकिन गांव की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं करते हुए गांव में आने वाले प्रवासियों को पुरे गांव ने एकमत होकर गांव की स्कूल में क्वारेंटाईन किया है। यहां पर पंचायत द्वारा गांव को दो बार पुरी तरह से सैनेटाईज भी कर दिया गया है एवं पंचायत की पहल पर निजी चिकित्साकर्मी आजाद सैन द्वारा पुरे गांव की स्क्रिनिंग कर गांव में सर्दी, बुखार के सभी रोगियों को चिन्हिंत कर विशेष ख्याल रखा जा रहा है। गिरधारीसिंह ने बताया कि गांव के युवा बजरंग नाई, भगवान जागरवाल, नेमचंद जागरवाल, कालू मुंथा, जयचन्द सुथार, नोरतसिंह, ओमसिंह, भेरू सिंह भाभा, राहुल, नरपत, गनपत, जीतू, महेंद्र भार्गव, भागीरथ, भँवर सिंह, दिनेश प्रजापत, बीजू प्रजापत आदि गांव की कोरोनो से सुरक्षा के सिपाही बने हुए है।
स्टोरी -3 रामसर में बिना सरपंच ही महादेव सेना ने मोर्चा संभाला है। ग्राम पंचायत नापासर में सरपंच चुनाव अभी हुए भी नहीं कि कोरोना का कहर प्रारम्भ हो गया। ऐसे गांव रामसर के ग्रामीण आपसी समझ का परिचय देते हुए अपने गांव को कोरोना मुक्त रखने के सार्थक प्रयास में जुटें हुए है। गांव में महादेव सेना के अध्यक्ष सीताराम कंस्वा ने बताया कि गांव के तीस युवा मिल कर रात दिन गांव के पांच रास्तों पर पहरा दे रहे है। सेना के जितेंद्र ने बताया कि सभी युवा एकराय से पूरी निष्ठा से गांव को कोरोना मुक्त रखने के प्रयासों में जुटें है। गांव में कोई सरपंच नहीं और ये ऐसी एकजुटता भी अपने आप में एक मिसाल है। नापासर थाने का ये पूरा सहयोग कर रहे है और कोई सूचना हो तो थाने तक पहुंचा दी जाती है। रामसर के ग्रामसेवक राजाराम ने भी इन युवाओं को पूरा सहयोग देते हुए गांव की पहरेदारी के लिए आपातकालीन पहचान पत्र भी जारी किए है।


