


श्रीडूंगरगढ टाइम्स 3 जनवरी 2020। भारत में बालिका शिक्षा के लिए संघर्ष करने वाली प्ररेणादायी महिलाशक्ति सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन शहर के युवाओं ने गाँधी पार्क में मनाया। इस अवसर पर सांवरमल सोनी ने उनके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। गोविन्द सारस्वा ने पुष्पाजंलि देते हुए कहा कि महिलाओं के लिए प्ररेणास्रोत सावित्रीबाई फुले ने समाज में बहुत संघर्ष किया। वे जब स्कूल जाती थीं, तो विरोधी लोग उन पर पत्थर मारते थे। उन पर गंदगी फेंक देते थे। आज से 160 साल पहले बालिकाओं के लिये जब स्कूल खोलना पाप का काम माना जाता था कितनी सामाजिक मुश्किलों से खोला गया होगा । मनीष सायच ने कहा कि उन महान आत्मा का निधन भी प्लेग महामारी में एक प्लेग के छूत से प्रभावित बच्चे की सेवा करने के कारण इनको भी छूत लग गया। और इसी कारण से उनकी मृत्यु हुई। उनसे हम सेवा कि प्ररेणा लेकर समाज में अपना योगदान दे सकते है।
इस अवसर पर, सांवरमल सोनी, सुरेन्द्र स्वामी, विकास पारीक, विजय शर्मा, जयपाल, राहुल झेडु, राकेश सारस्वत, बाबूलाल सायच, राकेश गोदारा, ने फुले को पुष्पाजंलि अर्पित की।