श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 10 नवंबर 2024। कार्तिक माह की आंवला नवमी को रविवार के दिन महिलाओं ने अलसुबह से ही आंवले के वृक्ष का पूजन प्रांरभ कर दिया। महिलाओं ने सामूहिक पूजन के आयोजन करते हुए उल्लास के साथ कथा कहानी सुनी। आंवले के वृक्ष के नीचे दीप जलाकर पूजन पूर्ण किया और अपने घरों में सुख व समृद्धि की प्रार्थनाएं की। अनेक मंदिरों में, घरों में तथा बगीचों में पहुंचकर महिलाओं ने आंवले का पूजन किया। आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर महिलाओं ने भजन कीर्तन भी किए। कहीं कहीं श्रद्धालुओं ने हरि नाम संकीर्तन के साथ 108 फेरी भी आंवले के वृक्ष के निकाली। शाम को भी आंवले के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं गए। गृहिणी कृष्णा पेड़िवाल ने बताया कि अनेक महिलाओं ने आंवला नवमी का व्रत रखकर माँ लक्ष्मी का पूजन भी किया व घर में सुख शांति के साथ संतान के लिए दीर्घ आयु की प्रार्थना की। राधिका सत्संग मंडली की मीनाक्षी डागा ने बताया कि इस मौसम में आंवला स्वास्थ्य वर्धक होने के साथ ही प्रकृति पूजन व संरक्षण की संस्कृति के निर्वहन की सीख भी ये दीपावली के बाद कार्तिक माह में आने वाले अनेक पूजन परंपराएं देती है।