श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 19 मार्च 2020। राजनैतिक विरोध की हद तो तब हो जाती है जब राजनीतिक विरोध के नाम पर गांव में हुए विकास कार्यो को तोड दिया जाए। जी हां ऐसा ही देखने को मिल रहा है क्षेत्र की ग्राम पंचायत जैतासर में। यहां पर गत सरपंच द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से व्यापक विकास कार्य करवाए गए लेकिन सरपंच का कार्यकाल अतिक्रमण हटाने की मुहिम के कारण विवादास्पद भी बना रहा एवं गांव में ही कई लोग विरोधी भी बन गए। अब हाल ही में हुए चुनाव में सीट एससी महिला के लिए आरक्षित हुई तो गत सरपंच को पद से हटना पड़ा। ऐसे में चुनावों के बाद गत सरपंच विरोधियों द्वारा गांव में गत सरपंच द्वारा करवाए गए विकास कार्यों को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है। असामाजिक तत्वों ने गांव में विकसित किए गए वन क्षेत्र के पेडों को भी नहीं छोड़ा। गांव में लगवाये गए बड़े हुए पेड़ो को उखाड़ने की घटना हुई हो कि चाहे ड्रिप सिस्टम के पाईप तोड देने की, नई बनी सडक की ईंटें उखाड़ ले जाने की घटना हो चाहे वहां लगे शिलालेख को तोडने की। हर घटना गांव में राजनैतिक रंजीश के चक्कर में गांव के विकास को उजाड़ने में शामिल हो गई है। इस संबध में गत सरपंच सावित्री देवी नाई द्वारा निर्वतमान सरपंच एवं प्रशासन से कार्यवाही करवाने की मांग भी की गई है लेकिन नए सरपंच एवं पंचायत प्रशासन द्वारा इस संबध में गंभीर नहीं होना राजकीय सम्पत्ति को नुकसान की मौन स्वीकृति ही मानी जा रही है।
वहीं दूसरी और पंचायत समिति के विकास अधिकारी सुनील छाबडा का कहना है कि इस संबध में अभी तक कोई लिखित शिकायत आई ही नहीं है। सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है तो तुंरत प्रभाव से कार्यवाही की जाएगी। घटनाओं का पता लगवाया जाएगा।