यूपी विधान सभा के छठे चरण में आज पूर्वांचल की 57 सीटों पर मतदान होगा जिसमें सीएम योगी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। क्योंकि उनका गोरखपुर इसमें शामिल है और योगी पहली बार विधान सभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इसी क्षेत्र में पीएम का भी चुनाव क्षेत्र है। इसी कारण यहां तकड़ा राजनीतिक घमासान है।
भाजपा को पता है कि पिछले पांच चरणों में उसे जो राजनीतिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई इसी चरण में संभव है। इसी वजह से पीएम मोदी और सीएम योगी ने यहां पूरी ताकत झोंकी है।
पिछले चुनाव में भाजपा ने इन 57 सीटों में से 48 सीटें जीती थी। इस बार प्रदर्शन दोहराने का दबाव भाजपा पर है मगर राह इतनी आसान नहीं लगती। हालांकि पूर्वांचल में भाजपा को किसान आंदोलन, बेरोजगारी आदि की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है। जब जीवन से जुड़े विषय चुनावी मुद्दे नहीं बनते हैं तभी जातीय ध्रुवीकरण प्रबल रहता है। उसी के लिए भाजपा और सपा गठबंधन पूरी ताकत लगाए हुए हैं। जो जातियों को साध लेगा वही आगे बढ़ जायेगा।
ओम प्रकाश राजभर, स्वामी प्रसाद मौर्य इसी क्षेत्र से लड़ रहे हैं, जो पिछली बार भाजपा के तो इस बार सपा के साथ है। उसका असर इस जाति के मतदाताओं पर होना लाजमी है। राजभर और मौर्य के भाजपा पर जबरदस्त हमले हुए हैं और उनके बड़े बड़े दावे हैं, यदि दावे सफल होते हैं तो भाजपा के लिए बड़ी परेशानी होगी।
चूंकि ये पीएम और सीएम का क्षेत्र है इसलिए यहां का मतदाता ज्यादा मुखर नहीं है। वो चुप है। ये चुप्पी कई संकेत देती है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि जहां मतदाता चुप होता है वहां किसी एक पक्ष के लिए अंडर करंट रहता है। यहां का राजनीतिक निर्णय अति पिछड़ा वर्ग के वोटों पर निर्भर है। मगर ये तय है कि यहां कोई एक पक्ष हावी नहीं है, कड़ी टक्कर है। ये क्षेत्र यूपी की तस्वीर को साफ कर देगा।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘
वरिष्ठ पत्रकार