श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 4 मार्च 2023। तमिलनाडु में पिछले कुछ दिनों से हिंदी भाषी मजदूर हिंसा का शिकार हो रहें है वहीं हिंदी विरोध के रूप में हो रही हिंसा की आंच में तमिलनाडु में प्रवासी नागरिक के रूप में हजारों की संख्या में श्रीडूंगरगढ़ कस्बे एवं आस पास के गांवों के नागरिक भी झुलसने लगे है। अकेले चैन्नई में श्रीडूंगरगढ़, जैतासर, तोलियासर, रिड़ी, आड़सर, गुंसाईसर बड़ा, कालू, राजेरां सहित कई गांवों के प्रवासी नागरिक रह रहे है। कस्बे के निवासी एवं चैन्नई प्रवासी युवक ने अपना नाम नहीं देने के आग्रह के साथ बताया कि त्रिपुर से शुरू हुई यह हिंसा अब राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी फैल रही है एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया बयान कि हिंदी भाषियों के साथ कुछ भी होता है तो सरकार जिम्मेदार नहीं है, के कारण राजधानी में रहने वाले हिंदीभाषियों को भी डर सता रहा है। हालांकि अभी यह विरोध एवं हिंसा बिहार, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा के मजदुरों के खिलाफ ही हो रही है और मारवाड़ियों पर हमला नहीं किया जा रहा है। लेकिन गेंहू के साथ घुन पीसने वाले हालात भी कई जगहों पर बन गए है। ऐसे में प्रवासी नागरिकों ने राजस्थान सरकार एवं स्थानीय विधायक से इस संबध में उच्च स्तर तक बात पहुंचाने एवं सुरक्षा कायम करवाने की मांग की है। विदित रहे कि तमिलनाडु की राजधानी चैन्नई सहित इरोड़, त्रिपुर, कोयम्बटूर सहित कई शहरों में बड़ी संख्या में श्रीडूंगरगढ़ के प्रवासी नागरिक रह रहे है और वहां की सोशल मिडिया में प्रवासी हिंदीभाषियों के साथ हो रही बर्बर हिंसा, हर जगह लगे 20 मार्च से पहले पहले छोड़ कर जाने की चेतावनी के पोस्टर एवं वहां के नेताओं के उकसाने वाले बयानों के बाद सभी भय के माहौल में जी रहे है।