1 अक्टूबर 2023 का पंचांग पढें आचार्य विष्णुदत्त शास्त्री के साथ।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 01 अक्टूबर 2023, 🚩श्री गणेशाय नम:🚩शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

📜 आज का पंचांग 📜

☀ 01 – Oct – 2023
☀ Sri Dungargarh, India

☀ पंचांग
🔅 तिथि द्वितीया 09:44 AM
🔅 नक्षत्र अश्विनी 07:28 PM
🔅 करण :
गर 09:44 AM
वणिज 09:44 AM
🔅 पक्ष कृष्ण
🔅 योग व्याघात 01:12 PM
🔅 वार रविवार

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 06:26 AM
🔅 चन्द्रोदय 07:40 PM
🔅 चन्द्र राशि मेष
🔅 सूर्यास्त 06:20 PM
🔅 चन्द्रास्त 08:15 AM
🔅 ऋतु शरद

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1945 शोभकृत
🔅 कलि सम्वत 5125
🔅 दिन काल 11:54 AM
🔅 विक्रम सम्वत 2080
🔅 मास अमांत भाद्रपद
🔅 मास पूर्णिमांत आश्विन

☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 11:59:45 – 12:47:21
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 04:45 PM – 05:33 PM
🔅 कंटक 10:24 AM – 11:12 AM
🔅 यमघण्ट 01:34 PM – 02:22 PM
🔅 राहु काल 04:51 PM – 06:20 PM
🔅 कुलिक 04:45 PM – 05:33 PM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 11:59 AM – 12:47 PM
🔅 यमगण्ड 12:23 PM – 01:52 PM
🔅 गुलिक काल 03:22 PM – 04:51 PM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पश्चिम

☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुम्भ

📜 चोघडिया 📜

🔅उद्वेग 06:26:26 – 07:55:43
🔅चल 07:55:43 – 09:25:00
🔅लाभ 09:25:00 – 10:54:16
🔅अमृत 10:54:16 – 12:23:33
🔅काल 12:23:33 – 13:52:50
🔅शुभ 13:52:50 – 15:22:06
🔅रोग 15:22:06 – 16:51:23
🔅उद्वेग 16:51:23 – 18:20:39
🔅शुभ 18:20:40 – 19:51:27
🔅अमृत 19:51:27 – 21:22:14
🔅चल 21:22:14 – 22:53:01
🔅रोग 22:53:01 – 24:23:48
🔅काल 24:23:48 – 25:54:36
🔅लाभ 25:54:36 – 27:25:23
🔅उद्वेग 27:25:23 – 28:56:10
🔅शुभ 28:56:10 – 30:26:57

❄️ लग्न तालिका ❄️

🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 05:28 AM समाप्त: 07:44 AM

🔅 तुला चर
शुरू: 07:44 AM समाप्त: 10:04 AM

🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: 10:04 AM समाप्त: 12:22 PM

🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: 12:22 PM समाप्त: 02:27 PM

🔅 मकर चर
शुरू: 02:27 PM समाप्त: 04:10 PM

🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: 04:10 PM समाप्त: 05:38 PM

🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: 05:38 PM समाप्त: 07:04 PM

🔅 मेष चर
शुरू: 07:04 PM समाप्त: 08:40 PM

🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 08:40 PM समाप्त: 10:36 PM

🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 10:36 PM समाप्त: अगले दिन 00:51 AM

🔅 कर्क चर
शुरू: अगले दिन 00:51 AM समाप्त: अगले दिन 03:11 AM

🔅 सिंह स्थिर
शुरू: अगले दिन 03:11 AM समाप्त: अगले दिन 05:28 AM

🌺।। आज का दिन अत्यंत मंगलमय हो ।।🌺

दिन (वार) रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य देवे

इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।

रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है । अत: रविवार के दिन मंदिर में भैरव जी के दर्शन अवश्य करें ।

रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है

⭐ तृतीया श्राद्ध

पण्डित विष्णुदत्त शास्त्री
8290814026