May 20, 2024

आखिकार राजस्थान कांग्रेस के भीतरी टकराहट को लेकर अंतिम निर्णय की घड़ी आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व राहुल जुलाई के प्रथम सप्ताह में दिल्ली में सचिन पायलट व अशोक गहलोत से बात करेंगे। इस बैठक की प्रतीक्षा राजस्थान कांग्रेस को राहुल के विदेश जाने के समय थी। पहले वे 8 जून को वापस आने थे मगर वे 19 जून को अपना जन्मदिन मनाने के बाद भारत आये। फिर वे पटना बैठक के लिए चले गये। उसके बाद तेलंगाना के कई बड़ें नेताओं को दिल्ली बुलाकर कांग्रेस में शामिल कराया। फिर 1 जुलाई तय हुई, मगर सालासर चिंतन शिविर के कारण तारीख आगे बढ़ाई गई है। अब जाकर राजस्थान का नम्बर आया है।
राहुल ने इन दोनों नेताओं से पहले संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल जयपुर आये और गहलोत, प्रभारी रंधावा व सचिन से बात की। समझा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं को राहुल के समझौता फार्मूले की आउटलाइन समझाई है। ताकि राहुल से बैठक के समय तक दोनों नेता उसके लिए मानस बना लें।
राजनीतिक क्षेत्र में अब ये तो तय माना जा रहा है कि सचिन कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे और नई पार्टी बनाने की बात पर भी पटाक्षेप हो गया है। उनकी राजस्थान चुनाव व कांग्रेस में क्या पोजिशन रहेगी, उस पर ही बात तय होनी है। वेणुगोपाल ने जहां एकतरफ सचिन से उनके मन की बात जानी है और राहुल तक पहुंचाई है वहीं दूसरी तरफ गहलोत को आलाकमान की तरफ से किये जाने वाले निर्णय पर सहमत किया गया है। कांग्रेस राजस्थान के मामले में फूंक फूंककर कदम रख रही है। इसीलिए राहुल और खड़गे ने पहले वेणुगोपाल के जरिये दोनों नेताओं की थाह ली है।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि सचिन को चुनाव अभियान समिति का मुखिया बनाया जा सकता है और कुछ टिकट के लिए भी हां भरी जा सकती है। इसके अलावा प्रदेशाध्यक्ष पर भी कुछ निर्णय हो सकता है। यदि ये होता है तो मंत्रिमंडल में भी कुछ परिवर्तन किया जा सकता है। सचिन को एआईसीसी में भी अहम जिम्मेवारी मिल सकती है।
कुल मिलाकर जुलाई के प्रथम सप्ताह में होने वाली बैठक महत्त्वपूर्ण है और राजस्थान कांग्रेस के लिए राहत की खबर आने की उम्मीद है।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘
वरिष्ठ पत्रकार

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