April 27, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 20 अगस्त 2022। लोगों में कोरोना वायरस का डर अभी खत्म नहीं हुआ था कि मंकीपॉक्स के लगातार बढ़ते मामलों ने सभी चिंता बढ़ा दी है. मंकीपॉक्स दुनियाभर में अपनी दहशत फैला रहा है. यह वायरस अब 90 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने बुधवार को जानकारी दी कि मंकीपॉक्स वायरस 92 देशों में फैल चुका है. वहीं, इस वायरस से अब तक 35 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. आपको बता दें कि मंकीपॉक्स वायरस के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं है. इससे बचाव ही एकमात्र उपाय है. हालांकि अच्छी लाइफस्टाइल और डाइट प्लान से इसका खतरा कई हद तक कम किया जा सकता है.

क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स वायरस जेनेटिक संक्रमण है, जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है. यह एक से दूसरे व्यक्ति में भी स्प्रेड हो सकता है. इसकी पहचान पहली बार 1958 में हुई थी. जब एक स्टडी के दौरान बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के दो प्रकोप देखे गए थे. इसके बाद 1970 में यह वायरस इंसानों में भी पाया गया था.

मंकीपॉक्स के प्रमुख लक्षण
मंकीपॉक्स के कुछ लक्षण हैं- बुखार, पीठ दर्द, चेहरे या शरीर के अन्य क्षेत्रों पर दाने, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, ठंड लगना, थकान और लिम्फ नोड्स में सूजन. मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर 2-3 हफ्तों तक रहते हैं. यदि आपको भी ये लक्षण दिखाई पड़ते हैं, तो डॉक्टर को दिखाएं.

किनको है ज्यादा खतरा
मंकीपॉक्स वायरस सभी वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है. यदि कोई मंकीपॉक्स से संक्रमित होता है, तो उसे अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए.

बचाव व घरेलू उपाय
संक्रमित मनुष्यों या जानवरों से दूरी बनाए रखें. अगर आपके शरीर पर घाव है तो घर से बाहर न निकलें. अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें. हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं. अगर आप मंकीपॉक्स से संक्रमित हो गए हैं, तो दूसरे लोगों से दूरी बना लें. इसके साथ ही बुखार की दवा और अच्छी डाइट प्लान फॉलो करें.

इलाज
फिलहाल, मंकीपॉक्स का कोई इलाज नहीं है. हालांकि, चेचक के वैक्सीन से मंकीपॉक्स होने के जोखिम को कम किया जा सकता है.

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