नगरपालिका ने सफाई नहीं कि तो होना पड़ेगा न्यायलय में हाजिर। न्यायाधीश ने ईओ को दिया नोटिस।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 22 नवम्बर 2019। श्रीडूंगरगढ़ कस्बे में लंबे समय से चल रही सफाई की अव्यवस्थाओं को सुधारने की मांग भले ही कस्बेवासियों ने सैंकडों बार कर ली हो लेकिन नगरपालिका द्वारा कोई स्थाई व्यवस्था नहीं करने से कस्बेवासी आज भी परेशान है। ऐसे में उपखण्ड न्यायाधीश राकेश कुमार न्यौल ने स्वत: प्रसंगज्ञान लेते हुए पब्लिक न्यूसेंस हटाने के लिए धारा 133 के तहत नगरपालिका अधिषाशी अधिकारी को न्यायीक नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश ने नगरपालिका ईओ को 15 दिनों में न्यूसेंस नहीं हटाने पर 16 दिसम्बर को न्यायालय में हाजिर होने के आदेश दिए है। न्यौल ने नोटिस में वार्ड नम्बर 4 में वाल्मिकी बस्ती में गंदे पानी के जोहड़ की कभी भी सफाई नहीं किए जाने के कारण वहां से गुजरने वाले लोगों एवं बस्ती के वाशिंदों को भंयकर बदबू में रहना बेहाल हो गया है। न्यायाधीश ने कालू रोड पर बने डम्पिंग यार्ड में कचरा नहीं डाल कर आस पास के क्षेत्रों में कचरा डालने से गंदगी का माहौल हो जाने पर आपत्ति जताई है।

कई बार उठ गई मांग, नहीं हुआ समाधान।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। वाल्मिकी बस्ती में बने कच्चे जोहड़ एवं कालू रोड़ पर स्थित पक्के जोहड की सफाई, जोहड हटाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन हो चुके है। कुछ समय पूर्व पक्के जोहड में उठी भंयकर दुर्गंध ने तो सात दिनों तक मोहल्लेवासियों को घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया था। इसी प्रकार वाल्मिकी बस्ती के कच्चे जोहड में कूद कर हुई आत्महत्याओं के बाद मोहल्लेवासियों ने जोहड बंद करने की मांग उठाई लेकिन इसके विपरीत पालिका द्वारा जोहड को और अधिक बडा बना दिया गया। वहां पर मिट्टी की पाल बना कर छोटे जोहड का क्षेत्रफल चार गुना कर दिया गया है। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि जैसे जैसे दवा की वैसे वैसे मर्ज बढता गया। अब कस्बेवासियों को उपखण्ड न्यायाधीश द्वारा किए गए प्रयास से उम्मीद जगी है।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। दुर्गंध के दौरान जोहड पर लाखों रुपए खर्च किए पालिका ने, समस्या जस की तस।