श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 27 मार्च 2021। होली के पावन त्योंहार पर टाइम्स के सभी दर्शकों व पाठकों को बधाई व शुभकामनाएं। टाइम्स के साथ पंडित विष्णुदत्त शास्त्री के साथ जानें होलिका दहन के शुभ मुहूर्त।
माला घोलने का शुभ समय = दोपहर 02:11 से 03:44 तक
होलिका का स्तंभ रोपण = दोपहर 01:55 उपरान्त
होलिका दहन मुहूर्त = शाम 06:49 से 09:10 तक
इस दिन होलिका दहन करते हुए भगवान नृसिंह की पूजा करनी चाहिए। होलिका दहन के समय होलिका के जलने पर इसकी 7 परिक्रमा करनी चाहिए ।
नारद पुराण में होलिका दहन की कथा मिलती है इसके अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा के दिन अत्याचारी राजा हरिण्यकश्यप के कहने पर उसकी बहन होलिका हरिण्यकश्यप के पुत्र विष्णु भक्त प्रह्लाद को आग में भस्म करने के लिए उसे अपनी गोद में बैठाकर अग्नि में बैठ गई।
शास्त्रों के अनुसार होलिका को यह वरदान था कि उसे अग्नि जला नहीं सकती है। लेकिन भगवान श्री विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा करते हुए उसे आग में जलने से बचा लिया। वहीं होलिका वरदान के बाद भी अग्नि में भस्म हो गई।
इसीलिए बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका का दहन किया जाता है।
होलिका दहन का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। इसके अगले दिन हर्ष उल्लास के साथ रंगों से खेलने की परंपरा है इसे धुलेंडी, के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन होलिका दहन करते हुए भगवान नृसिंह की पूजा करनी चाहिए। होलिका दहन के समय होलिका के जलने पर इसकी 7 परिक्रमा करनी चाहिए ।
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