श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 19 सितम्बर 2021। कोरोना काल के दौरान कम्पनियों द्वारा अपने कार्मिकों के साथ धोखाधड़ी कर उनका वेतन नहीं देने के कई मामले बड़े शहरों में सामने आए और इसी क्रम में श्रीडूंगरगढ़ निवासी एक व्यक्ति के साथ भी कम्पनी द्वारा धोखाधड़ी कर उसका वेतन नहीं दिया गया तथा वेतन मांगने पर कम्पनी से उसे निकाल दिया व उसका वेतन व पीएफ की राशि हड़प ली गई।
श्रीडूंगरगढ़ थानाधिकारी वेदपाल शिवराण ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ कस्बे में प्रताप बस्ती निवासी नानूराम छंगाणी गत 7-8 वर्षों से आनंद टोप सिक्योरिटी प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के कर्मचारी के रूप में क्षेत्र से गुजर रही कच्चे तेल की पाईपलाईन के गुसाईसर बड़ा स्थित पम्पहाऊस आईपीएस 5 में बतौर सुरक्षाकर्मी नियुक्त था। पहले उसे लगातार प्रतिमाह सैलेरी दी जा रही थी लेकिन कोविड प्रकोप के बाद सितम्बर 2019 के बाद उसे सैलेरी नहीं दी गई। उसने इस संबध में कम्पनी के अधिकृत नम्बरों पर अकाउंटेंट नंदकिशोर से बात की तो उसने कोरोना काल के कारण अभी सैलेरी किसी को नहीं दे पाने की बात कही एवं स्थितियां सुधरने पर उसे सैलेरी दे देने का वादा भी किया। लेकिन अब भी उसे सैलेरी नहीं दी गई एवं पीड़ित ने कम्पनी के हैडऑफिस में बात की और शिकायत दर्ज करवाई तो उन्होने उसे धमकाते हुए नौकरी से निकाल दिया एवं उसकी दो वर्षों की तनख्वाह और सात आठ वर्षों में जमा हुए पीएफ की राशि हड़प ली। नानूराम ने जरीए इस्तगासा कम्पनी के हैडऑफिस मुंबई, ब्रांचऑफिस नागपुर, अकाउंटेंट नंदकिशोर एवं अन्य अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। श्रीडूंगरगढ़ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।