श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 14 जुलाई 2021। श्रीडूंगरगढ़ की खास बात है ये कि यहां गरीब का दुःख दर्द साझा बन जाता है और क्षेत्रवासियों को आज आधुनिकता के इस दौर में यही बात विशिष्ट पहचान देता है। यहां इंसान का इंसान से जुड़ाव ऐसा है कि मदद के लिए हाथ तुरंत बढ़ते नजर आते है। श्रीडूंगरगढ़ प्रताप बस्ती निवासी 30 वर्षीय युवक कानाराम आज पलंग से उठने लायक नहीं बचा है और उसके वृद्ध पिता शंकरलाल उसके ईलाज की चिंता में परेशान है। कानाराम कुछ दिन पूर्व तक श्रीडूंगरगढ़ घूमचक्कर पर बसों में पानी व कोल्ड ड्रिंक बेच कर अपना गुजारा चला रहा था। परन्तु एक काले दिन ने बस से हुई टक्कर में टायर की चपेट में आने से उसके दोनों पैर घायल हो गए। वह आज भी अपने पैरों पर खड़े होने लायक नहीं हो सका है। परिवार ने जैसे तैसे उसके पैरों का ऑपरेशन तो करवाया परन्तु अभी भी ईलाज की आवश्यकता ने हालात चिंतनीय बना दिए है। इस दयनीय स्थिति को देखकर मदद को बढ़ें कई हाथ। सबसे पहले बंशी एम्बुलेंस ने युवक को दो बार बीकानेर से जयपुर व श्रीडूंगरगढ़ से जयपुर बिना किराया लिए ले जाकर ईलाज में मदद की। कानाराम के दांए पैर की रॉड में रस्सी भर जाने से तथा दूसरे पैर में भी घाव ठीक नहीं होने से युवक का आगे ईलाज जारी रखना होगा और युवक बंसी ने इस संबंध में समाज सेवी अशोक झाबक को जानकारी दी। झाबक ने श्रीडूंगरगढ़ जैन समाज वाट्सअप ग्रुप के सदस्यों को इस संदर्भ में जानकारी दी तो ग्रुप के भामाशाहों ने सहायता राशि प्रदान की। झाबक ने बताया कि जैन समाज के व्हाटसअप ग्रुप के सदस्यों व व्यास परिवार ने राशि दी और वह राशि 51 हजार एकत्र कर आज कानाराम के पिता को सौंपी गई। इस दौरान समाजसेवी प्रेमप्रकाश कुंडलिया व विनोद भादाणी, राजु हीरावत, बबलू मिस्त्री व मीत झाबक उपस्थित रहें। सभी ने कानाराम के पिता को राशन सहायता व आगे ईलाज में अन्य कोई आवश्यकता होने पर मदद का आश्वासन भी दिया। कानाराम के पिता ने इन गदगद स्वर में इन सभी सहायता कर्ताओं का आभार जताया।



