April 30, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 6 जनवरी 2020। पंचायत चुनावों में व्यवस्थाओं को सुचारू बनाये रखने के लिए पुलिस प्रशासन कमर कस ली है । उपखंड के निर्वाचन अधिकारी ने अतिसंवेदनशील व संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर प्रशासन को विशेष तैयारी के आदेश दिए है। निर्वाचन अधिकारी राकेश न्यौल ने जानकारी देते हुए कहा कि पंचायत चुनाव पूरी तरह सुरक्षित व निष्पक्ष रूप से सम्पन्न कराये जाएंगे।

क्षेत्र में सांवतसर, पूनरासर, जोधासर, तोलियासर, रिड़ी, को अतिसंवेदनशील एवं ग्राम पंचायत शेरूणा, गुंसाईसर बड़ा, मोमासर, लिखमादेसर, बरजांगसर, ऊपनी, धीरदेसर चोटियान, राजेडू, लिखमीसर दिखणादा, दुसारणा पंडरिकजी को संवेदनशील मानते हुए पुलिस एवं प्रशासन ने तैयारियां कर ली है।
जानें कि क्यों माना है इन ग्राम पंचायतों को संवदेनशील एवं अतिसंवेदनशील…?
ग्राम पंचायत पूनरासर को अतिसंवेदनशील माना गया है। गांव में सिद्व व जाट जातियों का बाहुल्य है गांव में मारपीट व लडाई झगडे अधिक होते है। रिड़ी तिहरे मर्डर के बाद जाटों व सिद्वों में अपनी अपनी पार्टीयो के पक्ष में मतदान करवाने हेतु गुटबाजी के चलते अतिसंवेदनशील माना गया है। चुनाव के दौरान यहाँ अशांति होने की पूरी संभावना रहती है।
ग्राम पंचायत जोधासर भी अतिसंवेदनशील इलाके में माना गया है। ग्राम पंचायत जोधासर में दो गावं जोधासर व झंझेउ है दोनो गांवो में राजपूत जाति के लोग अधिक है तथा राजपूत जाति के लोगो का ही बोलबाला है इन दोनों गांवो में आपस में दो गुट बने हुये है और दोनों गुटो में पार्टीबाजी चल रही है रंजिश को लेकर व बदले की भावना को लेकर अपनी अपनी पार्टी के पक्ष में मतदान करने की बात को लेकर अशांति पैदा कर सकते हैं।
ग्राम पंचायत तोलियासर को अतिसंवेदनशील माना गया है। इस गांव में पुरोहित जाति बाहुल्य क्षैत्र है। वर्ष 2012 में गांव में स्थित श्री भैरूजी के मंदिर में मूर्ति चोरी प्रकरण में नाई समाज के पुजारियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। जिसको लेकर दोनों समाज में वर्तमान में तनाव बना हुआ है नाई समाज के लोग संख्या मे कम होने की वजह से उनको मतदान करने से रोकने व मंदिर विवाद को लेकर मतदान के समय विवाद होकर अशान्ति फैलने की संभावना है। गांव में भैरूजी मंदिर को लेकर नाई व पुरोहित समाज मे तनाव चल रहा हैं ।
ग्राम पंचायत रिड़ी अतिसंवेदनशील ग्राम पंचायत मानी गयी है। यह गांव जाट व सिद्ध बाहुल्य है। इन दोनों समाज के व्यक्तियों द्वारा दूसरी जाति के लोगों को अपने अपने पक्ष मे मतदान के लिए बहकाया जाता है। मतदान के दौरान छुटपुट विवाद होते रहे है । मुकदमा नम्बर 341/08 तिहरा हत्याकाण्ड होने से जाट समाज व सिद्ध समाज के समुदाय मे तनाव की स्थिती रहती है व चुनाव के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना हो सकती है ।
ग्राम पंचायत सांवतसर अतिसंवेदनशील गांव है यहां बिश्नोई समाज बाहुल्य है गांव के अन्दर बिश्नोई समाज में पार्टीबाजी है। पूरे गांव में गुटबाजी का माहौल है। गांव के लोगो की आपासी गुटबाजी के कारण आपराधिक प्रवृति है तथा चुनाव के दौरान आपसी रंजिश को लेकर व बदले की भावना को लेकर अशांति पैदा कर सकते हैं।

ग्राम पंचायत शेरूणा को संवेदनशील माना गया क्योंकि ये गांव जाट समाज बाहुल्य है व अन्य जातियां मेघवाल , नाई , बा्रहम्ण, राजपूत निवास करते है। सरपंच प्रत्याशी भरत सिंह व दूसरी पार्टी तोलाराम भादू की है दोनो पार्टियो में पहले भी कई मुकदमें दर्ज हो चुके है। इस कारण से चुनाव के दौरान अशांति फैलने की पूरी गुंजाइश नजर आ रही है।
ग्राम पंचायत गुंसाईसर बड़ा को संवेदनशील माना गया है। इस गांव मे ज्यादातर ब्रहाम्ण व जाट जाति के लोग निवास करते है । दोनों ही पार्टियां अपने अपने पक्ष मे वोट डलवाने के लिए ज्यादा से ज्यादा कोशिश करेंगे और कमजोर वर्ग के लोगों को अपने अपने पक्ष में वोेट डलवाने के लिए ज्यादा से ज्यादा कोशिश करेगें इसलिए मतदान के दौरान आपस में तकरार हो सकती हैं।
ग्राम पंचायत मोमासर को संवेदनशील ग्राम पंचायत मानी गयी है। गांव श्रीडूंगरगढ थाना क्षैत्र का सबसे बड़ा गांव है । जाट व महाजन बाहुल्य गांव है व अन्य कमजोर वर्ग के अनु.जाति के लोग भी निवास करते है। पिछले ग्राम पंचायत चुनाव में काउण्टिंग को लेकर विवाद हुआ था। दोनों पार्टियां अपने अपने समर्थन में वोट डलवाने के लिए दबाव बनायेगें व काफी बड़ा गांव होने के कारण मतदान के समय वोटों को लेकर तकरार की संभावना रहेगी।
ग्राम पंचायत लिखमादेसर को संवेदनशील माना है तथा इस गांव में ज्यादातर सिद्ध जाति के लोग निवास करते है। जिनमें आपस में ही पार्टी बाजी चलती है। यहां सिद्ध व ब्राहम्णों में सन् 2012 में मारपीट व अन्य 09 मुकदमें दर्ज हुये हैं। सिद्ध जाति के लोगों के आपस में भी कोई धार्मिक कार्यक्रम गांव में आयोजित होता है तो उसमें भी आपस में तनाव की स्थिति रहती है। शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जाब्ता थाना से भेजा जाता है। चुनाव के समय अन्य जाति के लोगों को अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए अग्रसर होते है। दोनों ही पार्टियों के बीच मे आपस में आक्रोश रहता है। आपस में दोनों पक्षों में मुकदमें होने के कारण शांति व्यवस्था भंग होने का अंदेशा हैं।
ग्राम पंचायत धीरदेसर चोटियान संवेदनशील मानी गयी है। यहां ज्यादातर जाट जाति के लोग निवास करते है व अन्य जातियों के लोग भी निवास करते है। जाटों के दोनों पक्षों में पार्टीबाजी है इसलिए अन्य जातियों के लोगों को अपने समर्थन में करने के लिए पूर्ण रूप से अग्रेषित रहते हैं। चुनाव के दौरान छोटी सी बात को लेकर अशान्ति पैदा कर सकते है ।
ग्राम पंचायत बरजांगसर संवेदनशील ग्राम पंचायत मानी गयी है। इस गांव में ज्यादातर सिद्ध व जाट जाति के लोग निवास करते है रिड़ी के तिहरे हत्याकांड को लेकर दोनों जातियों में तनाव हैं दोनों जाति के लोग अलग अलग राजनैतिक दल के समर्थन में अन्य जाति के लोगों को अपने समर्थन में मतदान करने के लिए प्रयासरत रहते हैं एैसी सूरत मे मतदान के दौरान दोनों समाज के व्यक्तियों के बीच विवाद हो सकता है व मतदान के दौरान अशान्ति पैदा कर सकते है
ग्राम पंचायत ऊपनी संवेदनशील ग्राम पंचायत मानी गयी है। यह गांव जाट बाहुल्य है पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में मंगलाराम गोदारा के पक्ष में 75 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था। दोनों पार्टियों के बीच मे तकरार हो सकती है । चुनाव के दौरान अशान्ति होने की पूर्ण संभावना यहां रहती है ।
ग्राम पंचायत राजेडू संवेदनशील ग्राम पंचायत मानी गयी है। यह गांव जाट जाति बाहुल्य है इसमें एक पार्टी के पूर्व सरपंच श्रवण मदेरणा व दूसरी पार्टी गरूवा ग्रुप की है जिसमें काफी तनाव है दोनो पार्टियां अपने अपने प्रत्याक्षियो के पक्ष में मतदान को लेकर विवाद करने की संभावना है।
ग्राम पंचायत लिखमीसर दिखणादा संवेदनशील है। ये गांव जाट जाति बाहुल्य है जिसमें आपस में वोटिंग व अपने-अपने पक्ष में करवाने के लिये गरीब तबके के लोगो को अपने बहुमत की वजह से दबाकर चुनाव के दौरान अशांति फैलाने की पूरी स्थिति पैदा कर सकते है।
ग्राम पंचायत दुसारणा पण्डरिकजी को संवेदनशील माना गया है। ये गांव जाट समाज बाहुल्य है व अन्य जातियां मेघवाल, बा्रहम्ण, सुथार, नायक निवास करते है। गांव मे आपसी पार्टीबाजी है तथा ये गांव थाना हाजा से 20 किमी दूरी पर है तथा ये सीधी सडक से नही जुड़ता है। चुनाव के दौरान अशांति फैलाने की पूरी स्थिति पैदा कर सकते है।
इन ग्राम पंचायतों में शांति पूर्ण मतदान हेतु प्रशासन भी पूरे चौकस होकर तैयारी में जुटा है।

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