May 22, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 18 अप्रैल 2024। रविवार, 14 अप्रैल की रात करीब 9.15 बजे श्रीडूंगरगढ़ घुमचक्कर पर एक कार डिवाईडर से टकरा कर पलट गई। इस दुर्घटना में कार सवार दो युवकों में से एक गाड़ी के कांच से बाहर आ गिरा और घायल हो गया। घायल युवक 25 वर्षीय राजू पुत्र मेघाराम सहू निवासी इंदपालसर सांखलान को उसी रात पीबीएम ले जाया गया। युवक ने तीन दिन मौत से संघर्ष किया व देर रात दम तोड़ दिया। सुबह शव का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। कुछ देर पहले ही शव को लेकर परिजन गांव पहुंचे है। मृतक के परिवार में ही चाचा के लड़के का विवाह बुधवार रात हुआ और आज सुबह जब परिजनों को राजू की मौत की सूचना मिली तो देखते ही देखते जिस घर में विवाह के मंगल गीत गूंज रहें थे वहां मातम पसर गया है।

इकलौते पुत्र की मौत से माता-पिता भूले सुध-बुध।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। क्षेत्र के गांव इंदपालसर सांखलान निवासी 25 वर्षीय राजू सहू पुत्र मेघाराम सहू की बुधवार रात पीबीएम ट्रोमा के आईसीयू में मौत हो गई। दो बड़ी बहनों का लाडला भाई राजू गांव बिग्गाबास रामसरा में जाखड़ परिवार का भाणजा था। दोनों गांवो के परिवारों में मातम छा गया है। अपने इकलौते पुत्र की मृत्यु से मेघाराम सहू व उनकी पत्नी तो सुध-बुध भूल गए है। नाते रिश्तेदारों से घर भरा है और माता की चीत्कार और पिता के आंसू देख हर एक जना काल के इस क्रुर प्रहार को कोस रहा है। ग्रामीण घटना पर शोक प्रकट करते हुए परिवार के प्रति संवेदनांए जता रहें है।
सरकारी नौकरी का सपना देख रही आंखो से बह रहे अविरल आंसू।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। मेघाराम का इकलौता बेटा 25 वर्षीय राजू सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। किसान माता- पिता जहां उसकी नौकरी लगने का सपना देख रहें थे वहीं अन्य परिजन उसके विवाह के सपने संजो रहे थे। राजू की मौत से उसके भविष्य के लिए संजोए सपनों ने भी दम तोड़ दिया।

काश! सीट बेल्ट पहना होता।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। युवक राजू कार में साइड की फ्रंट सीट पर ही बैठा था। चालक भी उसी गांव था। युवक सीट बेल्ट नहीं होने के कारण कार पलटने से इनर हैड इंजरी का शिकार हो गया। विशेषज्ञ डॉक्टरों ने परिजनों को 72 घंटे बाद ही कुछ कह पाने की बात कही। परिजन उसे 72 घंटे बाद गुरूवार को जयपुर ले जाने की तैयारी कर रहे थे। परंतु राजू 72 घंटे से पहले ही जीवन की जंग हार गया। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि काश! राजू ने सीट बेल्ट लगाया होता तो संभवत: परिवार को ऐसा मनहूस दिन देखना नहीं पड़ता।

error: Content is protected !!