श्रीडूंगरगढ टाइम्स। 14 मई, 2019। आज तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण का 58वाँ जन्म दिवस सेवाकेंद्र में व्यवस्थापिका पावनप्रभा के सान्निध्य में मनाया गया। जन्मदिवस 13 मई व 14 मई को मनाया गया। सोमवार को सामूहिक सवा लाख का णमो आयरियाणं जप किया गया। कार्यक्रम में मंगलाचरण महाश्रमण अष्टकम द्वारा हुआ। मंगलवार को आयोजित समारोह में साध्वी पावन प्रभा ने कहा कि महाश्रमण का जीवन एक कहानी है-जीवन्त पुरूषार्थ की, एक प्ररेणा है समर्पण की, अखण्ड ज्योति है विनय की विवेक की। बीज छोटा हो या बडा उसे अनुकूल हवा पानी धूप और छाया का योग मिलता है तो अंकुरित पल्लवित और पुष्पित हो जाता है। महाश्रमण बालवय में दीक्षित हुए व तुलसी, महाप्रज्ञ जैसे महापुरूषों के सान्निध्य में वे उनके व्यक्तित्व ने नये आयाम रचे। साध्वी पावनप्रभा ने स्वरचित गीतिका का सामूहिक संगान किया। इस अवसर पर साध्वी धर्मयशा, साध्वी संपत्तप्रभा, साध्वी उन्नतयशा, ने वक्तव्य के माध्यम से आचार्य का अभिनंदन किया। महिला मंडल के द्वारा गीतिका सुशील बोथरा, संगीता दुगड़ ने वक्तव्य, कन्यामंडल ने दिव्य आत्माओं के द्वारा अभिवंदना कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन साध्वी रम्यप्रभा ने किया।
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