स्कुल में हास्टल छात्रा को आया करंट।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 14 मई 2019। सोमवार रात्रि आई आंधी एवं बारिश के दौरान स्कूल व हास्टल की सप्लाई लाईन से गुजरने वाले हाईटेंशन विद्युत तारों को नहीं हटाने की गंभीर लापरवाही ने एक 13 साल की बालिका के जीवन के साथ खिलवाड कर लिया है। विद्युत विभाग की इस गंभीर लापरवाही का परिणाम बच्चों को भुगतना पडा एवं एक बच्ची करंट की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गई। राजकीय कार्मिकों की लापरवाही को उजागर करने वाला यह वाकया श्रीडूंगरगढ़ तहसील के गांव जैतासर में स्थित राजकीय कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय में देखने को मिला। पिछडे वर्ग की बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए सरकार द्वारा यह बोर्डिंग स्कूल एवं हास्टल शुरू किया गया था एवं यहां पर बडी संख्या में पिछडे वर्ग की बालिकाएं रहने के साथ पढ रही है। लेकिन करीब दो वर्ष पूर्व इसी विद्यालय के पास में ही विद्युत विभाग द्वारा 33केवी जीएसएस बनाया गया था और इस जीएसएस में जाने वाले 11 हजार केवी की हाईटेंशन विद्युत सप्लाई लाईन इस हास्टल के कनेक्शन लाईन के पास से गुजर रही है। एवं सोमवार को आंधी-बारिश आई तो यह दोनों लाईनें और अधिक पास आ गई। इस कारण पुरे हास्टल की सप्लाई लाईन में 11केवी का करंट दौड गया एवं हास्टल में मौजुद 13 वर्षिया बालिका मनीषा जाट करंट की चपेट में आ गई। करंट की चपेट मे आने से बालिका गिर गई एवं अन्य बालिकाओं व वार्डन द्वारा उसे चिकित्सालय लेकर आया गया। यहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उसे चिकित्सालय में भर्ती किया गया। कक्षा आठ तक की बालिकाओं के इस हास्टल की सप्लाई लाईन के पास से ही हाईटेंशन तारों का गुजरना क्षेत्र में विद्युत विभाग की आमजनता के प्रति लापरवाही को उजागर कर रहे है। यह तो गनिमत रही कि बालिका करंट के चपेट में आकर चिपकी नहीं एवं करंट ने उसे झटक कर दुर फेंक दिया तो बालिका आज उपचार ले रही है। वरना अगर करंट से चिपक जाती तो बडा हादसा हो जाता। शायद ऐसा होने पर आक्रोश जताने एवं व्यवस्था सुधार की मुहिम चलाने वाले हजारों लोग संवेदनाओं के साथ खडे हो जाते लेकिन सवाल यह है कि क्या विद्युत विभाग, आम जनता, जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारियों के जागने के लिए किसी का बलिदान देना जरूरी है। क्या हादसो से पहले हम सावधान नहीं हो सकते..?

कई बार उठी है मांग।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय के पास से गुजर रही हाईटेंशन तारों को दुर करने की मांग कई बार उठ चुकी है। विद्यालय की प्राचार्य, वार्डन, यहां होने वाले कार्यक्रमों में बतौर अतिथि शामिल होने वाले जनप्रतिनिधियों, विद्यालय के निरीक्षण पर आने वाले अधिकारियों व अभिभावक बैठकों के दौरान हास्टल में रहने वाले बच्चों के अभिभावकों ने बार बार इन तारों से हादसों का अंदेशा जताते हुए हटाने की मांग कर चुके है लेकिन विद्युत विभाग द्वारा स्कूल-हास्टल जैसी जगह पर लापरवाही करते हुए बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड किया जा रहा है। प्राचार्य एवं वार्डन रेणू शर्मा ने बताया कि इस संबध में कई बार मौखिक एवं लिखित रूप से विद्युत निगम कार्मिकों के साथ साथ उच्चाधिकारियों को भी अवगत करवाया गया है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से हास्टल में रहने वाले सभी कार्मिक एवं बच्चे डर के साये में जी रहे है।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। करंट आने के बाद चिकित्सालय में भर्ती कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्रा मनीषा।