श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 9 दिसम्बर 2019। दिसम्बर माह की कड़ाके की ठंड में जब रात को पारा शुन्य तक पहुंचने लगा है ऐसे में कृषि कुंओं पर सिचांई के लिए पानी में भीगते हुए काम करना पड़े तो यह अन्याय से कम नहीं है। और किसान भाइयों के साथ ये अन्याय सहन नहीं किया जाएगा। डॉ विवेक माचरा ने यही संदेश दिया सोमवार को गांव मोमासर के सारणा जोहड़ फीडर से जुड़े किसानों के साथ श्रीडूंगरगढ़ विद्युत विभाग के बाहर बैठ कर। सोमवार को सारणा जोहड़ के किसानों ने अपनी समस्या युवा नेता डॉ विवेक माचरा को बताई तो माचरा किसानों को साथ लेकर श्रीडूंगरगढ़ स्थित सहायक अभियंता कार्यालय पहुंच गए। अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की तो माचरा किसानों को साथ लेकर निगम कार्यालय के गेट पर धरना लगा कर बैठ गए। किसान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक धरने पर बैठे रहे। धरने को भी अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया तो किसानों ने अधिकारियों को कार्यालय से बाहर नहीं निकलने देने की चेतावनी दी। इसके बाद अधिकारियों ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया। लंबी चली वार्ता के बाद अधिकारियों ने रात के बजाए दिन में विद्युत सप्लाई देने की मांग को स्वीकार किया व सारणा जोहड़ फीडर के किसानों को दिन में सप्लाई देने का आश्वासन दिया। इस दौरान डॉ विवेक माचरा ने किसानों को गंभीरता से नहीं लेने पर रोष जताया एवं क्षेत्र के समस्त फीडरों पर दिन में ही सप्लाई देने की व्यवस्था करने की मांग की। माचरा ने सर्द मौसम में रात को पानी में भीगते हुए सिचांई करने को भी अकल्पनीय बताया एवं किसानों के साथ अन्याय सहन नहीं करने बात कही।