श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 23 मई 2020। राजगढ़ के थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई की मृत्यु को पुलिस ने आत्महत्या मान लिया है। पुलिस ने उनके सुसाईड नोट के आधार पर यह माना है एवं जिला पुलिस अधिक्षक तेजस्विनी गौतम ने उनका सुसाईड नोट जिला कलेक्टर को सुपुर्द किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी है। दूसरी और विष्णुदत के मृत्यु के बाद पूरे राज्य में जनता से लेकर नेताओं तक मामले की सीबीआई जांच की मांग उठ रही है। अकेले श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में ही हजारों लोगों ने विश्नोई को श्रद्धांजलि देते हुए अपने सोशल मीडिया पर सीबीआई जांच की मांग की है एवं कई युवा संगठनों ने ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को भेजे है। क्षेत्र के नेताओं ने भी इस मुद्दे पर पार्टी भेद छोड़ कर एक स्वर में विश्नोई को आदर्श पुलिस अफसर बताते हुए उनके द्वारा आत्महत्या करने पर ही सवाल उठाए है। क्षेत्रीय विधायक गिरधारीलाल महिया, भाजपा देहात जिलाध्यक्ष ताराचंद सारस्वत, यूथ कांग्रेस देहात जिलाध्यक्ष हरिराम बाना आदि ने तो इस संबध में मुख्यमंत्री को पत्र भेजे है एवं जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, विधानसभा प्रतिपक्ष उपनेता राजेन्द्र राठौड़, सांसद हनुमान बेनिवाल, सांसद राहुल कस्वां, पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां, पूर्व विधायक विरेन्द्र न्यांगली, नोखा विधायक बिहारीलाल विश्नोई सहित राज्य भर में अनेकों जनप्रतिनिधियों ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। लेकिन फिर भी राज्य सरकार द्वारा जांच क्राइम ब्रांच को ही दिए जाने के फैसले से आम जनता सन्तुष्ट नहीं है और रोष भी बढ़ रहा है।

श्रीडूंगरगढ़ में रहे 30 माह तक, बच्चा बच्चा है उनका ऋणी।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 23 मई 2020। विष्णुदत विश्नोई 3 नवम्बर 1997 को पुलिस सेवा में बतौर एसआई शामिल हुए थे एवं जयपुर रेंज से सेवांए प्रांरम्भ की थी। वहां से बीकानेर रेंज में आकर उन्होंने बीकानेर शहर के जेएनवीसी, गंगाशहर, सीटी कोतवाली, शेरूणा व श्रीडूंगरगढ़ में, चुरू जिले के राजलदेसर, सांडवा, छापर, सुजानगढ़ में, हनुमानगढ़ टाउन व संगरिया में सेवाएं देने के बाद अब राजगढ़ में तैनात थे। विश्नोई अपनी पूरी नौकरी में सर्वाधिक समय करीब 30 माह तक श्रीडूंगरगढ़ में ही पदस्थापित रहे थे एवं बाकी जगहों पर इतना समय नहीं रह पाए थे। साम्प्रदायिक दंगों से झुलस रहे श्रीडूंगरगढ़ में जब हिंदु मुस्लिम के बीच की खाई लगातार बढ़ रही थी ऐसे समय में विश्नोई ने श्रीडूंगरगढ़ में दायित्व संभाला था एवं पूरे क्षेत्र का बच्चा बच्चा, क्षेत्र में साम्प्रदायिक सद्भाव लाने के लिए किए गए उनके अभूतपूर्व प्रयासों के लिए ऋणी है। विश्नोई के यहां से स्थानांतरण होने के बाद भी लगातार उन्हें वापस यहां पदस्थापित करवाने के लिए जनता से जुड़े नेताओं ने प्रयास भी किए थे और जब भी उनका यहां से गुजरना होता था क्षेत्र के प्रमुख लोग उनसे मुलाकात करने को तत्पर रहते थे। ऐसे में पूरा श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र विश्नोई की मृत्यु के बाद आहत है। शनिवार दोपहर बाद तो बड़ी संख्या में मोबाईल, कपड़े आदि की दुकानें व्यापारियों ने शोक में स्वत: ही बंद कर दी। श्रीडूंगरगढ़ के हर आंख में आंसू दिखाई दे रहे जो बस यही मांग कर रहे है कि जांच सीबीआई द्वारा निष्पक्ष की जाए।