श्रीडूंगरगढ टाइम्स 4 अगस्त 2020। ग्रामीण इलाकों में पानी के लिए ग्रामीण 15 से 25 दिनों तक तरस जाते है पर जलदाय विभाग को कोई संवेदना नागरिकों की परेशानियों से नहीं है। उदरासर में पिछले 15 दिनों से पेयजल आपूर्ति के लिए ग्रामीणों ने ग्रामीण जेईएन को फोन किये। गांव में मोटर खराब होने की सूचना कई बार विभाग को दी और एक हफ्ते से अधिकारी फोन ही नहीं उठा रहे थे। सरपंच किसनाराम ने आज सुबह उपखंड अधिकारी से गुहार लगाई की गांव में लोग प्यासे बैठे है। उपखंड अधिकारी राकेश कुमार न्योल के हस्तक्षेप के बाद ग्रामीणों को राहत मिल सकी है। न्योल ने जलदाय विभाग के कार्यालय जाकर ग्रामीण जेईएन को लताड़ लगाई। कुछ ही देर बाद गांव उदरासर में विभागीय कर्मचारी पहुंच गए है और मोटर को ठीक कर रहे है। गांव धोलिया में दो ट्युबवेल है जो 15 दिन से खराब है और ग्रामीण परेशान हो रहे है। गांव सातलेरा में एक ही ट्युबवेल से जलापूर्ति की जा रही है वह भी पांच दिन से बंद है और ग्रामीण उसके ठीक होने की राह देख रहे है। सरपंच किसनाराम ने उपखंड अधिकारी का आभार व्यक्त किया। सवाल यह है कि पानी जैसी दैनिक आवश्यकता के लिए विभागीय अधिकारी संवेदनशीलता क्यों नहीं अपनाते.? बार बार इन्हें लोगों की परेशानी सुनने के लिए फोन उठाने के लिए पाबंद किया जाता है पर नतीजा ढाक के तीन पात और ये कई दिनों तक फोन नहीं उठाते। गांव के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के फोन नहीं उठाते तो साधारण ग्रामीण की बिसात ही क्या जो इन सरकारी नुमाइंदों तक अपनी बात पहुंचा सके।