श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 25 जुलाई 2020। शरीर में इन्सुलिन हार्मोन के स्रावण में कमी की वजह से डायबिटीज रोग होता है। डायबिटीज आनुवांशिक,उम्र बढ़ने पर,मोटापे के कारण या तनाव लेने से हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों की मौत सबसे ज्यादा हार्ट अटैक या स्ट्रोक से होती है। जो व्यक्ति डायबिटीज से पीडित होते हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा आम व्यक्ति से पचास गुना ज्यादा बढ़ जाता है। डायबिटीज ऐसा रोग है जिसमें व्यक्ति को अपनी डाइट से लेकर लाइफस्टाइल तक में काफी परहेज से रहना होता है।
दो तरह की होती है डायबिटीज –
-टाइप-1 डायबिटीज : इसमें अग्नाशय इंसुलिन का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होता, इंजेक्शन के जरिये इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ती है, यह आमतौर पर जन्मजात होती है
-टाइप-2 डायबिटीज : इसमें या तो अग्नाशय पर्याप्त इंसुलिन पैदा नहीं करता या फिर उसके इस्तेमाल की शरीर की क्षमता कमजोर पड़ जाती है, खराब जीवनशैली मुख्य वजह
इसलिए जरूरी है इंसुलिन-
-इंसुलिन अग्नाशय में पैदा होने वाला एक अहम हार्मोन है, जो ग्लूकोज को ऊर्जा में तब्दील कर मोटापे और डायबिटीज की समस्या को दूर रखता है।
सतर्क होना जरूरी क्यों-
-ब्लड शुगर अनियंत्रित होने पर आंखों की रोशनी जाने, किडनी खराब होने और अंग सड़ने के साथ ही हार्ट अटैक व स्ट्रोक से मौत का खतरा बढ़ जाता है।
महामारी बनती बीमारी-
-46.3 करोड़ वैश्विक आबादी के डायबिटीज पीड़ित होने का अनुमान
-7.8 करोड़ मरीज दक्षिणपूर्वी एशिया में, इनमें 7.7 करोड़ भारतीय शामिल
-25 फीसदी से अधिक रोगी खुद के बीमारी से जूझने की खबर से अनजान
-70 करोड़ तक पहुंच सकता है डायबिटीज रोगियों का आंकड़ा 2045 तक
(स्रोत : अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज संघ की साल 2019 की रिपोर्ट।)