श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 26 अक्टूबर 2020। आजकल सभी लोग सोशल मीडिया पर रील हीरो की कहानियों में मोटिवेशन ढूंढते है और उनसे पर ऐसे में हम अपने आसपास के रियल स्टोरी के रियल हीरोज को देख ही नहीं पाते है। हमारे क्षेत्र में कालूबास निवासी व पश्चिम बंगाल में प्रवासी कोमल पारीक पुत्री शिवरतन पारीक ने विपरीत परिस्थितियों में कठिन परिश्रम से अपनी प्रतिभा का लोहा पूरे पश्चिम बंगाल में मनवा दिया है। कोमल के पिता शिवरतन दोनों किडनी फेल होने के बाद अपनी माता द्वारा दी गई एक किडनी के सहारे जीवन गुजार रहे है और अपनी दोनों कन्याओं को पढ़ाई के लिए लगातार प्रेरित कर रहें है। दो कन्याओं की माता कोमल की माँ गले में कैंसर से पीड़ित है व उनका ईलाज लगातार जयपुर के महावीर कैंसर अस्पताल में जारी है। ऐसे में कोमल ने श्रीडूंगरगढ़ का नाम रोशन किया पश्चिम बंगाल में। कोमल ने कूचबिहार पंचानन ब्रह्मा विश्वविद्यालय में अकांट्स ऑनर्स में द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा दिनहटा महाविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। माता की सेवा के साथ कोमल ने पढ़ने के लिए कठिन परिश्रम किया। घर का कार्य व छोटी बहन की देखभाल के साथ अपने पिता के कार्यों में हाथ बंटाते हुए कोमल की उपलब्धि पर पिता शिवरतन को नाज है। वे गर्व से कहते है कि मेरी बेटियां मेरा गौरव है और दोनों बेटियां अपने पैरों पर खड़ी हो सके यही मेरे जीवन का उद्देश्य है। कोमल ने टाइम्स को बताया कि मैनें कभी परिस्थियों से शिकायत नहीं की बस अपनी मेहनत पर यकीन रखा और लगातार अध्ययन से यह मुकाम हासिल किया है। कोमल सफलता का श्रेय माता पिता के आशीर्वाद को देती है और माता-पिता कोमल की सफलता का श्रेय उसकी लगन व मेहनत को देते है। कोमल का सपना है कि वह सफल सी.ए. के रूप में अपना कॅरियर बनाएं। कोमल को श्रीडूंगरगढ से पारीक समाज के लोगों ने बधाईयां व उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं भी दी है।