श्रीडूंगरगढ टाइम्स 26 अप्रेल 2020। लॉकडाउन में इंसान को प्रकृति ने खुश होने का भरपूर मौका देते हुए मेहनत करने का पैगाम दिया है। इंसानी गतिविधियों के रूक जाने से प्रकृति मुस्कुराने लगी है और गांवो में ग्रामीण परिवारों के चेहरों पर भी आज मुस्कान छा गयी है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि आखातीज के दिन चोखा मानसून रा शगुन आया है तो अबके जमानों चोखो होसी। बारानी कृषक खेतों में सूड़ करने पहुंचने लगे है। सातलेरा गांव के मालाराम तावणियां जीवन के 80 बसंत देख चुके है और वे रविवार को सुबह आखातीज के सगुन लेने बेटे के साथ खेत की ओर गये। उन्होंने टाइम्स को बताया कि जमानो होण रो पहलो सगुन तो मेह बरस दे दियो है, इयाँ कम ही होव के आखातीज पर मेह बरस और जद भी ई दिन मेह आव बी साल म जमानो जोरको होया कर है। तावणियाँ ने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि जब आखातीज को किसान खेत में जाए और पक्षियों का खुश करने वाला कलरव हो तो यह जमाने का सगुन है और अगर खेतों में प्रसन्न होकर पशुधन चरते मिले तो जमाने का सगुन है। उन्होनें कहा कि रविवार सुबह उन्होने पक्षियों का वो कलरव महसुस किया और खेतों में भी पशुधन को चरते देखा। उनका दृढ विश्वास है कि इस बार जमाना अच्छा होगा। कोरोना महामारी के समय में ये मौसम सिंचित कृषि के लिए भी फायदेमंद है। मूंगफली व नरमा बिजाई में इससे फायदा मिलेगा।
ला-नीना के कारण मानसून अच्छा रहेगा।
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। उपखण्ड में सोमवार सुबह भी मौसम में ठंडक रही और बादल छाए रहे। मौसम विभाग की बात करें तो उनका यही कहना है कि मानसून का इंतजार कर रहे किसानों के लिए बड़ी खबर है कि इस बार भारत में मानसून सामान्य से अधिक रहेगा। एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार महासागरीय लहरों में ला नीना की स्थितियों के कारण इस बार मानसून सामान्य से ज्यादा रहने के आसार है।
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