दुर्घटना में मृतकों की संख्या हुई तीन, पेट की आग बुझाने में गई मजदुरों की जान, जाने घटना की आंखों देखी





श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 28 नवम्बर 2019। गुरूवार सुबह करीब 8 बजे शेरूणा के पास नेशनल हाईवे पर दो ट्रकों की आमने सामने की भिड़ंत में मृतकों की संख्या तीन हो गई है। शेरूणा थानाधिकारी गुलाम नबी ने बताया कि बीकानेर की और से आ रहे ट्रक में भवन निर्माण पट्टियां भरी हुई थी एवं उसमें ड्राईवर के साथ चार मजदुर भी बैठे थे। दुर्घटना में अधिक नुकसान इसी ट्रक में हुआ है। इस ट्रक में सवार ड्राईवर जोधपुर के देचू निवासी 35 वर्षीय अनील जाट, लूणकरणसर के वार्ड 34 के निवासी 30 वर्षीय शेख मोहम्मद, 25 वर्षीय बाबूखान की मृत्यु हो गई है। घायल मजदुरों में लूणकरणसर के वार्ड 34 निवासी 20 वर्षीय संजय खान, 35 वर्षीय ताजू शाह एवं श्रीडूंगरगढ़ की और से जा रहे ट्रक के चालक 34 वर्षीय सरबजीत की स्थिति अब स्थिर है। तीनों घायलों का उपचार बीकानेर पीबीएम चिकित्सालय में चल रहा है। लूणकरणसर निवासी चारों मजदुर इस भरी सर्दी में पट्टियां ट्रक से खाली करने के लिए मजदुरी करने के लिए ट्रक के साथ चढ़े थे। पेट की आग बुझाने के प्रयास में दो घरों का दीपक ही बुझ गया। शेरूणा थाने के एएसआई लूणाराम ने बताया कि इस संबध में घायल संजय खान ने ड्राईवर के खिलाफ तेज एवं गफलत से ट्रक चलाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दी है।

ऐसे हालात पहले कभी नहीं देखे थे- आंखों देखी।

मै निजी कार्य से बीकानेर जाने के लिए अपने गांव लखासर से रवाना हुआ था। कोहरा होने के कारण गाडी धीरे ही चला रहा था एवं झंझेऊ गांव के पास दस चक्का ट्रक जिसमें मूंगफली गोटे की बोरियां भरी हुई थी ने तेज गति से मुझे ओवरटेक किया। पिछले दिनों हो रहे दर्दनाक हादसों से मन पहले दुखी था। अब इस ट्रक का ओवरटेक करना मन मे खटका, की इतने कोहरे में भी ट्रक ड्राईवर कितनी लापरवाही बरत रहा है। ट्रक द्वारा मुझे ओवरटेक करने के बाद करीब 8-9 किलोमीटर आगे आया तो देखा कि वही ट्रक सामने से आ रहे एक ट्रक में बुरी तरह भीड़ा पड़ा है। मुझे ओवरटेक कर जाने में एवं मेरे मौका स्थल पर पहुंचने में अधिकतम दस मिनिट लगें होगें और यह दुर्घटना हो गई। मेरे पहुंचने से पहले ही वहां दो गाडियां पहुंची हुई थी एवं हम सभी ने मिल कर घायलों को निकालने का प्रयास किया। तब तक पुलिस भी पहुंच चुकी थी एवं 108 एम्बुलेंस भी। बाकी घायलों को तो निकाल कर बीकानेर भेज दिया गया लेकिन मूंगफली गोटा वाले ट्रक का चालक बुरी तरह से फंस गया था। उसका दर्द के मारे कराहना एवं चिल्लाना वहां मौजूद हर व्यक्ति को डरा रहा था। बाद में टोल प्लाजा की क्रेन मौके पर पहुंची एवं फंसे हुए ट्रक ड्राईवर को निकाल कर बीकानेर भेजा गया। इस दौरान सैंकडों की संख्या में लोग एकत्र हो गए एवं हर कान में फंसे हुए ड्राईवर की दर्द भरी चीखों और बचा लेने विनती गूंज रही थी। मैने मेरे जीवन में ये लाईव हादसा पहली बार देखा था। अभी भी कानों में वो चीखें गूंज रही और रौंगटे खड़े हो जाते है। अब समय की आवश्यकता है कि हर व्यक्ति यातायात नियमों को केवल पुलिस के सामने चालान से बचने के लिए नहीं बल्कि अपनी जिंदगी की सुरक्षा के लिए अपना लें। किसी भी वाहन के चालक पर ना केवल उसकी जिम्मेवारी है बल्कि सामने वाले वाहन चालक एवं दोनो वाहनों में बैठे सवारियों की जिंदगी भी उनके हाथों में होती है। ऐसे में छोटी सी लापरवाही कई परिवारों को उम्र भर का जख्म दे देती है। इस घटना में भी यही हुआ था, गलती भले ही दोनो वाहन चालकों में से किसी की हुई होगी लेकिन साथ बैठे तीन मजदुरों की मृत्यु का जिम्मेवार कौन था यह बड़ा सवाल है?

किशन खिलेरी, युवा सामाजिक कार्यकर्ता एवं व्यापारी, लखासर-श्रीडूंगरगढ़।